आक पौधे के अद्भुत लाभ और सावधानियाँ

आक पौधा, जिसे मदार भी कहा जाता है, कई औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके विभिन्न हिस्सों का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। हालांकि, इसके विषैले गुणों के कारण इसे सावधानी से उपयोग करना आवश्यक है। इस लेख में आक के पौधे के अद्भुत लाभ और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। जानें कैसे यह पौधा आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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आक पौधे के अद्भुत लाभ और सावधानियाँ

आक पौधे की पहचान और उपयोग

आक पौधे के अद्भुत लाभ और सावधानियाँ


आक या अर्क का पौधा विभिन्न स्थानों पर पाया जाता है, लेकिन इसके उपयोग के बारे में जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। यह पौधा शुष्क और ऊँची भूमि पर सामान्यतः मिलता है।


सामान्य धारणा के अनुसार, आक का पौधा विषैला माना जाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आयुर्वेद में इसे उपविषों में शामिल किया गया है। यदि इसे अत्यधिक मात्रा में लिया जाए, तो यह उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है। आक के रासायनिक तत्वों में एमाईरिन, गिग्नटिओल और केलोट्रोपिओल शामिल हैं। इसके दूध में ट्रिप्सिन, उस्कैरिन, केलोट्रोपिन और केलोटोक्सिन जैसे तत्व पाए जाते हैं। आक का रस कई बीमारियों के लिए लाभकारी होता है, बशर्ते इसे सही मात्रा में और उचित तरीके से लिया जाए।


आक पौधे की विशेषताएँ

रूप और पहचान:


आक एक औषधीय पौधा है, जिसे मदार और मंदार भी कहा जाता है। इसका आकार छोटा और छत्तादार होता है, और इसके पत्ते बरगद के पत्तों के समान मोटे होते हैं। पकने पर ये पीले रंग के हो जाते हैं।


इसका फूल सफेद और छोटा होता है, जिसमें रंगीन चित्तियाँ होती हैं। आक की शाखाओं से दूध निकलता है, जो विष का काम करता है। यह गर्मी के मौसम में रेतिली भूमि पर उगता है और बारिश में सूख जाता है।


आक के 9 अद्भुत लाभ


  1. शुगर और पेट की समस्या: आक की पत्तियों को उल्टा करके पैर के तलवे से सटा कर मोजा पहनने से शुगर लेवल सामान्य हो जाता है।

  2. घाव: आक का हर भाग औषधीय है। इसके कोमल पत्तों को मीठे तेल में जलाकर सूजन पर लगाने से राहत मिलती है।

  3. खाँसी: आक की जड़ के चूर्ण में काली मिर्च मिलाकर गोलियाँ बना कर खाने से खाँसी में राहत मिलती है।

  4. सिर का दर्द: आक की जड़ की राख को कड़वे तेल में मिलाकर लगाने से खुजली ठीक होती है।

  5. शीत ज्वर: आक की जड़ को पानी में घिसकर लगाने से नाखूना रोग ठीक होता है।

  6. गठिया: आक की जड़ को पकाकर गेहूँ के आटे के साथ खाने से गठिया में राहत मिलती है।

  7. बवासीर: आक का दूध बवासीर के मस्सों पर लगाने से राहत मिलती है।

  8. उड़े हुए बाल: आक का दूध लगाने से बाल उग आते हैं।

  9. खुजली: आक के सूखे पत्तों को सरसों के तेल में उबालकर खुजली पर लगाने से राहत मिलती है।


हानिकारक प्रभाव

हालांकि आक का पौधा कई लाभ प्रदान करता है, लेकिन यह विषैला भी हो सकता है। इसकी जड़ की छाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से आमाशय और आंतों में जलन हो सकती है। आक का ताजा दूध विष का कार्य कर सकता है, इसलिए इसे सावधानी से उपयोग करना चाहिए। इसके हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए घी और दूध का सेवन किया जा सकता है।