आईआईएमसी में आयोजित मेगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का उद्देश्य जिम्मेदार विज्ञापन को बढ़ावा देना
भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) ने एएससीआई के सहयोग से एक मेगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य मीडिया और विज्ञापन के क्षेत्र में नैतिकता को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं ने जिम्मेदार विज्ञापन और स्व-नियमन के महत्व पर चर्चा की। प्रतिभागियों को विज्ञापन संहिताओं और नैतिक नियमों के बारे में जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में 98 संकाय सदस्यों ने भाग लिया, जो भविष्य के विज्ञापन पेशेवरों को तैयार करने में सहायक होगा।
Jul 4, 2025, 17:47 IST
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कार्यक्रम का उद्देश्य और उद्घाटन
नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) ने शुक्रवार को भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के सहयोग से एक मेगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मीडिया, विज्ञापन, विपणन, कानून और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाले विभिन्न संस्थानों के संकाय सदस्यों को जिम्मेदार विज्ञापन, स्व-नियमन और उभरते मीडिया परिदृश्य के सिद्धांतों के प्रति जागरूक करना था।
उद्घाटन सत्र में प्रमुख वक्ता
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सी. सेंथिल राजन, आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, एएससीआई की सीईओ सुश्री मनीषा कपूर और नेस्ले के निदेशक श्री चंदन मुखर्जी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस अवसर पर आईआईएमसी के कुलसचिव डॉ. निमिष रुस्तगी भी उपस्थित थे।
विज्ञापन नैतिकता पर जोर
श्री सी. सेंथिल राजन ने कंटेंट क्रिएटर्स को विज्ञापन संहिताओं और नैतिक नियमों के ज्ञान से लैस करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हर कंटेंट क्रिएटर को विज्ञापन को नियंत्रित करने वाले नियमों को समझना चाहिए। आईआईएमसी विज्ञापन एवं संचार के क्षेत्र में वैश्विक नेताओं को तैयार कर रहा है।"
शिक्षा में नैतिकता का महत्व
डॉ. अनुपमा भटनागर ने नैतिक विज्ञापन की शिक्षा पर जोर देते हुए प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इन सीखों को अपनी शिक्षण पद्धति में शामिल करें। उन्होंने कहा, “हमें विद्यार्थियों की रचनात्मक क्षमताओं के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की समझ भी विकसित करनी है।”
स्व-नियमन की भूमिका
एएससीआई की सीईओ सुश्री मनीषा कपूर ने स्व-नियमन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह कार्यक्रम उपभोक्ता विश्वास सुनिश्चित करने की दिशा में एएससीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
जिम्मेदार विज्ञापन की आवश्यकता
नेस्ले के श्री चंदन मुखर्जी ने जिम्मेदार विज्ञापन और ब्रांड की विश्वसनीयता बनाए रखने में नैतिकता की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा, "विज्ञापन केवल उत्पाद बेचने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज के साथ विश्वास का रिश्ता बनाने का माध्यम है।"
कार्यक्रम की जानकारी
इस कार्यक्रम में “जिम्मेदार विज्ञापन की आवश्यकता”, “एएससीआई कोड” और “उत्तरदायी से जिम्मेदार विज्ञापन की ओर” जैसे विषयों पर ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों का संचालन एएससीआई में निदेशक (ऑपरेशंस) डॉ. सहेली सिन्हा ने किया।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का संचालन आईआईएमसी की सह प्राध्यापक डॉ. मीता उज्जैन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एफडीपी के संयोजक प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने दिया। इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न संस्थानों के 98 संकाय सदस्यों ने भाग लिया।