आंध्र प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय

उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती परीक्षा को रोकने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि परीक्षाएं पहले से शुरू हो चुकी हैं और उन्हें बीच में रोकना संभव नहीं है। याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय का रुख करने की सलाह दी गई है। राज्य सरकार ने 16,000 से अधिक शिक्षकों के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें परीक्षाएं छह जून से छह जुलाई तक आयोजित की जाएंगी।
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आंध्र प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय

उच्चतम न्यायालय का निर्णय

उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा को रोकने की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया। न्यायालय ने कहा कि इसे 'बीच में' रोकना संभव नहीं है।


न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से स्पष्ट किया कि वे परीक्षाओं के आयोजन के लिए कोई तंत्र नहीं बनाते हैं और इस मामले में उनकी विशेषज्ञता नहीं है।


पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि उन्होंने पहले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया। जब वकील ने बताया कि उच्च न्यायालय में गर्मियों की छुट्टी है, तो पीठ ने उत्तर दिया कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय 16 जून को फिर से खुल रहा है। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि वे इस याचिका पर विचार नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।


याचिकाकर्ता के वकील ने सरकारी अधिसूचना का उल्लेख करते हुए कहा कि जिला स्तर पर भर्ती के लिए कई पालियों में परीक्षा आयोजित की जानी थी। उन्होंने यह भी बताया कि वे कंप्यूटर आधारित परीक्षा की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।


हालांकि, पीठ ने कहा कि परीक्षाएं पहले से शुरू हो चुकी हैं और उन्हें बीच में रोकना संभव नहीं है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने बताया कि एक लाख से अधिक अभ्यर्थी पहले ही इन परीक्षाओं में भाग ले चुके हैं।


याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के 16,000 से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की है और परीक्षाएं छह जून से छह जुलाई तक आयोजित की जाएंगी।