आंध्र प्रदेश में गैर मुस्लिम लड़कों के खतने पर पूर्व CBI निदेशक की चिंता

CBI के पूर्व निदेशक एम नागेश्वर राव ने आंध्र प्रदेश में गैर मुस्लिम लड़कों के खतने के बढ़ते चलन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे की जांच की मांग की है। राव का कहना है कि यह प्रक्रिया चिकित्सा शिक्षा में गलत जानकारी फैलाने का परिणाम हो सकती है, जो किसी विशेष धार्मिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है। मंत्री ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है। जानें इस विवाद की पूरी जानकारी और राव की चिंताएं।
 | 
आंध्र प्रदेश में गैर मुस्लिम लड़कों के खतने पर पूर्व CBI निदेशक की चिंता

आंध्र प्रदेश में खतने का विवाद

आंध्र प्रदेश में गैर मुस्लिम लड़कों के खतने पर पूर्व CBI निदेशक की चिंता

CBI के पूर्व निदेशक एम नागेश्वर राव

पूर्व CBI निदेशक एम नागेश्वर राव ने आरोप लगाया है कि आंध्र प्रदेश में गैर मुस्लिम लड़कों का खतना किया जा रहा है, जो कि एक बढ़ता हुआ चलन है। उन्होंने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव को पत्र लिखा है। राव का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ डॉक्टरों को यह बताया जा रहा है कि खतना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, जिसके कारण वे गैर-मुस्लिम बच्चों पर यह प्रक्रिया कर रहे हैं। यह प्रक्रिया किसी विशेष चिकित्सा स्थिति के बजाय सामान्य उपचार के रूप में की जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह पैटर्न चिकित्सा शिक्षा में गलत जानकारी फैलाने का संकेत देता है, जो संभवतः किसी विशेष धार्मिक या सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए एक संगठित प्रयास हो सकता है, जिसे वैज्ञानिक प्रथा के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

मंत्री का प्रतिक्रिया

बीजेपी मंत्री यादव ने X पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका विभाग इन आरोपों की जांच करेगा। उन्होंने राव को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार सबूत-आधारित चिकित्सा प्रथाओं और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले की जांच करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

राव की चिंताएं

पूर्व IPS अधिकारी राव ने अपनी पोस्ट में उल्लेख किया कि NDA शासित राज्य में अस्पतालों में गैर-मुस्लिम समुदाय के लड़कों के खतने की प्रक्रियाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रथा लंबे समय से चल रही है और यह एक सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देने का प्रयास हो सकता है। राव ने पिछले 10 वर्षों के चिकित्सा रिकॉर्ड की समीक्षा करने की मांग की है ताकि खतने की प्रक्रिया के लिए चिकित्सा संकेतों का पता लगाया जा सके।