आंखों के संकेत: किडनी स्वास्थ्य के लिए सतर्कता जरूरी

किडनी स्वास्थ्य के लिए आंखों में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना आवश्यक है। यदि आपको आंखों में जलन, सूजन या दृष्टि में परिवर्तन महसूस होता है, तो यह किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस लेख में जानें कि कैसे आंखों के लक्षण किडनी स्वास्थ्य से जुड़े हो सकते हैं और उन्हें स्वस्थ रखने के उपाय क्या हैं।
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आंखों के संकेत: किडनी स्वास्थ्य के लिए सतर्कता जरूरी

किडनी रोग के लक्षण


सुबह उठते समय आंखों में जलन या खुजली होना सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह समस्या दिनभर बनी रहती है, तो यह चिंता का विषय है। आंखों में लंबे समय तक सूजन, खुजली या दृष्टि में बदलाव किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है। आंखों में होने वाले ये परिवर्तन शरीर में चल रही गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। किडनी की बीमारियां अक्सर प्रारंभ में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखातीं, लेकिन आंखें संकेत देने लगती हैं, जिन्हें पहचानना आवश्यक है।


यदि अचानक दृष्टि धुंधली हो जाती है या डबल विजन की समस्या होती है, तो यह केवल आंखों की बीमारी नहीं है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह, जो किडनी से संबंधित समस्याओं से जुड़े होते हैं, आंखों की छोटी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकते हैं। इससे दृष्टि में परिवर्तन या अचानक रोशनी का जाना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आंखों के चारों ओर सूजन है और इसकी कोई स्पष्ट वजह नहीं मिल रही है, तो किडनी की जांच कराना आवश्यक है।


किडनी की समस्याओं से ग्रस्त लोग, विशेषकर जो डायलिसिस पर हैं, अक्सर आंखों में सूखापन और खुजली का अनुभव करते हैं। यह शरीर में खनिजों और अपशिष्ट का असंतुलन होने के कारण होता है। यदि आंखें बार-बार रगड़ने का मन करे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


यदि आंखें जल्दी-जल्दी लाल या खून जैसी दिखाई दें, तो यह भी किडनी से संबंधित समस्या का संकेत हो सकता है। उच्च रक्तचाप या अनियंत्रित मधुमेह इसके पीछे के कारण हो सकते हैं। कभी-कभी लुपस नेफ्राइटिस जैसी किडनी की बीमारियां भी आंखों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।


कुछ किडनी रोगियों को रंगों को पहचानने में कठिनाई होती है, विशेषकर नीले और पीले रंग में। यह ऑप्टिक नर्व के क्षति या रेटिना में बदलाव के कारण हो सकता है, जो लंबे समय तक बीमारी रहने से होता है।


किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय:
किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह रक्त को शुद्ध करने, विषैले तत्वों को बाहर निकालने और शरीर में नमक और पानी का संतुलन बनाए रखने का कार्य करती है। इसे स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, नमक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें, नियमित व्यायाम करें और वजन को नियंत्रित रखें। धूम्रपान और शराब से बचें, रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित रखें। साल में एक बार स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं।