अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद ताबूत निर्माताओं की चुनौती

अहमदाबाद में हाल ही में हुई विमान दुर्घटना ने ताबूत निर्माताओं के लिए एक नई चुनौती पेश की है। वडोदरा के ताबूत निर्माता को एअर इंडिया से 100 ताबूत बनाने का ऑर्डर मिला, जिससे वह दुविधा में पड़ गए। इस बीच, सिविल अस्पताल में मृतकों की पहचान और DNA सैंपलिंग का कार्य जारी है। जानें इस मानवीय त्रासदी के पीछे की कहानियाँ और ताबूत निर्माताओं की कठिनाइयाँ।
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अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद ताबूत निर्माताओं की चुनौती

मानवीय त्रासदी के बीच ताबूतों की मांग

नियति के खेल कभी-कभी अजीब होते हैं। अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद कई कहानियाँ सामने आई हैं, जो लोगों के दिलों पर गहरा प्रभाव छोड़ रही हैं। वडोदरा के एक ताबूत निर्माता को एअर इंडिया से 100 ताबूत बनाने का ऑर्डर मिला, जिससे वह यह सोच में पड़ गए कि इस बड़े ऑर्डर पर खुशी मनाएं या इस मानवीय त्रासदी के कारण दुखी रहें। वडोदरा के कॉफिन निर्माता अरनेश रजवाड़ी ने बताया कि एअर इंडिया के एक प्रबंधक ने उन्हें फोन किया और कहा कि उन्हें जल्दी से 100 ताबूत चाहिए, जिसके बाद उनके सभी कारीगर काम में जुट गए।




अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के बाहर, 47 वर्षीय निलेश वाघेला ने अपने ट्रक में 20 ताबूत लेकर पहुँचते हुए कहा कि लोग सीमाओं और वीज़ा की बातें करते हैं, लेकिन ताबूतों को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि मौत में सभी समान होते हैं। निलेश ने बताया कि वह रोज़ 7 ताबूत बनाते हैं और जब उन्हें अचानक 100 ताबूतों का ऑर्डर मिला, तो वह समझ नहीं पाए कि कैसे मांग को पूरा करेंगे। उनके पास पहले से ही 50 से अधिक तैयार ताबूत थे, जिससे काम थोड़ा आसान हो गया। उन्होंने कहा कि वह अक्सर मृतकों के पार्थिव शरीर विदेश भेजने में मदद करते हैं, लेकिन इस बार कुछ अलग अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मांग के बावजूद, उन्होंने न तो कीमतें बढ़ाईं और न ही कोई एडवांस लिया। "यह मुनाफ़ा कमाने का समय नहीं है," उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि ताबूत देने के बाद वे वापस अपने कार्यशाला में लौट जाते हैं और फिर से काम में जुट जाते हैं, क्योंकि अभी भी ऑर्डर पूरा नहीं हुआ है।


DNA सैंपलिंग और शवों की पहचान

अहमदाबाद सिविल अस्पताल में आज भी मृतकों की DNA सैंपलिंग का कार्य जारी है। अस्पताल के बाहर परिजनों की भीड़ लगी हुई है। जानकारी के अनुसार, अब तक 270 से अधिक शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है, और 230 लोगों की DNA सैंपलिंग की जा चुकी है, जिनमें से 8 शवों की पहचान हो चुकी है।