अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथयात्रा का भव्य आयोजन

भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथयात्रा शुक्रवार को अहमदाबाद में भव्य तरीके से शुरू हुई। इस आयोजन में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए, जबकि सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ शामिल हैं, और इसे पारंपरिक तरीके से मनाया जा रहा है। जानें इस रथयात्रा के विशेष पहलुओं और सुरक्षा प्रबंधों के बारे में।
 | 
अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथयात्रा का भव्य आयोजन

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की शुरुआत

भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथयात्रा शुक्रवार सुबह अहमदाबाद में धूमधाम से आरंभ हुई, जिसमें हजारों भक्तों ने भगवान के दर्शन के लिए भाग लिया। इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को खलासी समुदाय ने पारंपरिक तरीके से जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकाला। तीनों रथों की भव्य शोभायात्रा 400 साल पुराने मंदिर से शुरू होकर पुराने शहर से होते हुए रात आठ बजे तक लौटने की योजना है।


सुरक्षा व्यवस्था का कड़ा इंतजाम

अहमदाबाद में रथ यात्रा के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मंदिर पहुंच चुके हैं। सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए ड्रोन और एआई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम भी इस रथ यात्रा में शामिल है। रथ यात्रा पारंपरिक मार्ग से ही निकलेगी, जिसमें 10 ट्रक, 30 अखाड़े और 18 भजन मंडलियां शामिल होंगी। सुरक्षा के लिए 45 ड्रोन और 30 निजी ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।


विशेष रस्में और श्रद्धालुओं की भीड़

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके परिवार ने जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘पहिंद विधि’ का आयोजन किया, जिसमें सोने की झाड़ू से सड़कों की प्रतीकात्मक सफाई की गई। शोभायात्रा में आमतौर पर 18 हाथी, 100 ट्रक, भक्ति समूह और 30 अखाड़े शामिल होते हैं। यह शोभायात्रा 16 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जिसमें विभिन्न थीम पर सजाए गए ट्रक होंगे।


सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शोभायात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वार्षिक रथयात्रा में लगभग 23,800 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, और इसमें 14-15 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। पहली बार कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जो आग लगने या भीड़भाड़ की स्थिति में पुलिस को सूचित करेगी।


यातायात प्रबंधन और निगरानी

शोभायात्रा के साथ करीब 4,500 सुरक्षाकर्मी चलेंगे, जबकि यातायात प्रबंधन के लिए 1,931 कर्मियों को तैनात किया जाएगा। कई सड़कें सामान्य यातायात के लिए बंद रहेंगी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियंत्रण कक्ष से जुड़े 2,872 ‘बॉडी-वॉर्न’ कैमरों, 41 ड्रोन और विभिन्न स्थानों पर लगाए गए 96 कैमरों और 25 निगरानी टावरों का उपयोग करके रथ यात्रा पर नजर रखेंगे।