अहमदाबाद प्लेन हादसे में बचे रमेश की कहानी: चमत्कार या सजा?

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए प्लेन हादसे में केवल रमेश विश्वास कुमार ही जीवित बचे। इस हादसे में 241 लोगों की जान गई। रमेश ने इसे एक चमत्कार और सजा बताया है। वह मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं और अपने परिवार से भी दूर हैं। एअर इंडिया ने उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की है, लेकिन उनके परिवार का मानना है कि यह राशि अपर्याप्त है। जानें रमेश की कहानी और उनके संघर्ष के बारे में।
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अहमदाबाद प्लेन हादसे में बचे रमेश की कहानी: चमत्कार या सजा?

अहमदाबाद में हुआ भयानक प्लेन हादसा

अहमदाबाद प्लेन हादसे में बचे रमेश की कहानी: चमत्कार या सजा?

हादसे में बचे एकमात्र रमेश विश्वास कुमार

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एक विमान दुर्घटना हुई थी, जिसमें 241 लोगों की जान गई। इस हादसे में केवल एक व्यक्ति, भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार, जीवित बचे। हालांकि, रमेश अब तक इस घटना से उबर नहीं पाए हैं और उन्होंने इसे एक चमत्कार और सजा दोनों बताया है। वह मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।

हादसे के कुछ महीनों बाद, रमेश लीसेस्टर लौट आए हैं, लेकिन उनकी स्थिति अभी भी ठीक नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार, वह पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से ग्रस्त हैं और चलने-फिरने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।

रमेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अकेले ही इस हादसे में बचे हैं और अब भी इसे विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने अपने भाई को भी खो दिया, जो उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण थे।

अकेलेपन का सामना कर रहे हैं रमेश

रमेश ने बताया कि अब वह अकेले रहते हैं और अपने परिवार से बात नहीं करते। वह अपने कमरे में ही समय बिताते हैं और मानसिक रूप से परेशान हैं। उनके लिए हर दिन एक चुनौती है।

एअर इंडिया की आर्थिक सहायता

एअर इंडिया ने हादसे के बाद मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की थी। रमेश को भी 21,500 ब्रिटिश पाउंड (लगभग 22 लाख रुपये) का मुआवजा दिया गया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उनके परिवार का मानना है कि यह राशि अपर्याप्त है। एअर इंडिया ने कहा है कि वह सभी प्रभावित परिवारों की जिम्मेदारी समझती है।

हादसे का विवरण

12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। इस हादसे में रमेश के भाई अजय भी शामिल थे। रमेश ने सीट 11ए पर बैठकर दुर्घटना के समय एक छेद से बाहर निकलने में सफलता पाई।