असम सरकार की नई नीति: एनआरसी में नाम होने पर भी विदेशी नागरिकों को भेजा जाएगा वापस

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को एक नई नीति की घोषणा की है, जिसके तहत विदेशी नागरिकों को वापस भेजा जाएगा, भले ही उनका नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में हो। उन्होंने एनआरसी में नामांकन की प्रक्रिया पर संदेह जताया और कहा कि यह नागरिकता का एकमात्र प्रमाण नहीं हो सकता। शर्मा ने आरोप लगाया कि कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने युवाओं को एनआरसी में हेरफेर करने के लिए प्रेरित किया। जानें इस नीति के पीछे की वजह और असम में नागरिकता पर चल रही बहस के बारे में।
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असम सरकार की नई नीति: एनआरसी में नाम होने पर भी विदेशी नागरिकों को भेजा जाएगा वापस

मुख्यमंत्री की नई घोषणा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार, विदेशियों को वापस भेजने का निर्णय लिया गया है, भले ही उनका नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में शामिल हो।


उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी में नामांकन की प्रक्रिया पर संदेह है, और इसे किसी व्यक्ति की नागरिकता का एकमात्र प्रमाण नहीं माना जा सकता।


अनुचित तरीकों से नामांकन

मुख्यमंत्री ने दरांग में एक कार्यक्रम के दौरान बताया, "कई व्यक्तियों ने गलत तरीकों से एनआरसी में अपना नाम दर्ज कराया है, इसलिए हमने यह नीति बनाई है कि यदि प्राधिकृत व्यक्ति को यह विश्वास हो कि संबंधित व्यक्ति विदेशी है, तो उसे वापस भेजा जाएगा।"


नागरिकता पर संदेह

पिछले महीने से असम में कई लोगों की नागरिकता पर संदेह के चलते उन्हें हिरासत में लिया गया है, और इनमें से कई को बांग्लादेश भेजा गया है। कुछ लोग वापस लौट आए हैं क्योंकि पड़ोसी देश ने उन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया।


एनआरसी की विश्वसनीयता पर सवाल

शर्मा ने कहा, "मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि एनआरसी में नाम होना यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है कि कोई व्यक्ति अवैध प्रवासी नहीं है।"


उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने असम में रहते हुए कुछ युवाओं को अमेरिका और इंग्लैंड में शिक्षा के लिए भेजा और एनआरसी में हेरफेर करने के लिए प्रेरित किया।


साजिशों का खुलासा

शर्मा ने कहा, "हमें इन साजिशों के बारे में पहले जानकारी नहीं थी, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे इन मामलों का पता चला।"


उन्होंने बताया कि मंगलवार रात को 19 व्यक्तियों को वापस भेजा गया और बुधवार रात को नौ अन्य व्यक्तियों को वापस भेजा जाएगा।