असम विधानसभा चुनावों के लिए हिमंत बिस्व सरमा का आक्रामक अभियान

असम विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक आक्रामक चुनावी अभियान शुरू किया है। इस अभियान में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान और निष्कासन, मवेशी वध के खिलाफ कार्रवाई और भूमि अतिक्रमण हटाने के लिए बेदखली अभियान शामिल हैं। सरमा की रणनीति भाजपा के पारंपरिक मतदाताओं को एकजुट करने और राज्य की राजनीतिक परिभाषा को पुनर्निर्धारित करने पर केंद्रित है। इस बीच, विपक्षी कांग्रेस एक कठिन स्थिति में है, जिससे चुनावी परिदृश्य और भी दिलचस्प हो गया है।
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असम विधानसभा चुनावों के लिए हिमंत बिस्व सरमा का आक्रामक अभियान

मुख्यमंत्री का चुनावी अभियान

असम विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने चुनाव प्रचार को तेज कर दिया है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल के महीनों में "अवैध बांग्लादेशी" नागरिकों की पहचान और निष्कासन के लिए एक सख्त कानूनी अभियान शुरू किया है। इसके साथ ही, राज्य में अवैध मवेशी वध और गोमांस बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी तेजी से की जा रही है। इसके अलावा, नलबाड़ी जिले में 82 बीघा ग्राम चरागाह आरक्षित भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए बेदखली अभियान भी चलाया गया है।


अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई

अवैध बांग्लादेशियों की पहचान और निष्कासन के लिए, सरमा सरकार ने अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को फिर से सक्रिय किया है। यह कानून केंद्र सरकार और जिलाधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों को निष्कासित करने का अधिकार देता है जो भारत के बाहर से आए हैं और जिनकी उपस्थिति सार्वजनिक हितों के खिलाफ है। मुख्यमंत्री सरमा के अनुसार, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस विधिक मार्ग को वैध करार दिया है।


सुरक्षा और जनसंख्या संतुलन

मुख्यमंत्री सरमा ने सुरक्षा और अवैध प्रवासन को "जनसंख्या संतुलन" से भी जोड़ा है। उन्होंने अवैध बांग्ला-भाषी मुस्लिमों द्वारा भूमि अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। असम मवेशी संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के सिलसिले में लगभग 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 1.7 टन से अधिक संदिग्ध गोमांस जब्त किया गया है। पुलिस ने असम के विभिन्न जिलों में 178 होटलों, रेस्तरां और बूचड़खानों की तलाशी ली है।


बेदखली अभियान

नलबाड़ी जिले में 82 बीघा ग्राम चरागाह आरक्षित भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए बेदखली अभियान सोमवार को शुरू किया गया। यह अभियान बरखेत्री राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत बाकरीकुची गांव में कड़ी सुरक्षा के बीच चलाया गया। जिला आयुक्त ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने गुवाहाटी उच्च न्यायालय का सहारा लिया। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि सभी वीजीआर भूमि को खाली कराया जाए।


राजनीतिक स्थिति

असम की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा मजबूत नजर आ रहे हैं, जबकि विपक्षी कांग्रेस एक कठिन स्थिति में है। यदि कांग्रेस सरमा के अभियानों का विरोध करती है, तो उस पर "विदेशी समर्थक" होने का आरोप लग सकता है। हाल ही में सांसद गौरव गोगोई को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, लेकिन भाजपा उनकी विदेशी मूल की पत्नी को लेकर उन पर हमलावर है।


भविष्य की रणनीति

मुख्यमंत्री सरमा की रणनीति न केवल भाजपा के पारंपरिक मतदाताओं को एकजुट करने की है, बल्कि राज्य की राजनीतिक परिभाषा को भी पुनर्निर्धारित करने की है। प्रवासन, पहचान, धर्म और सुरक्षा को मिलाकर, वे एक ऐसा नैरेटिव तैयार कर रहे हैं जिससे चुनावी लाभ प्राप्त किया जा सके। असम में हो रहे विकास और केंद्र से मिल रहे समर्थन के चलते, मुख्यमंत्री की छवि एक विकास पुरुष की भी बन रही है।