असम में स्थानीय लोगों को हथियार लाइसेंस देने का निर्णय: मुख्यमंत्री का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्रों में स्थानीय नागरिकों को हथियार लाइसेंस देने के निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कदम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने इस निर्णय को मंजूरी दी है, जबकि विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजहें और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
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असम में स्थानीय लोगों को हथियार लाइसेंस देने का निर्णय: मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि 'संवेदनशील' क्षेत्रों में निवास करने वाले स्थानीय नागरिकों को हथियार लाइसेंस देने का निर्णय गहन विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन लोगों को सुरक्षा प्रदान करे।


मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संविधान ने इन नागरिकों को जीवन का अधिकार दिया है और कुछ नियमों के तहत उन्हें हथियार रखने का भी अधिकार है।


उन्होंने आगे कहा, "स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार का कर्तव्य है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संवेदनशील क्षेत्रों में उन्हें हथियार लाइसेंस देने का निर्णय लिया गया है।"


राज्य मंत्रिमंडल ने इन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की 'मांग' की समीक्षा के बाद बुधवार को इस निर्णय को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में रहने वाले असमिया लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और लंबे समय से हथियार लाइसेंस की मांग कर रहे हैं।


जब विपक्षी दलों ने इस कदम की आलोचना की, तो शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और कुछ अन्य लोग हमेशा से सरकार के निर्णयों का विरोध करते रहे हैं, इसलिए 'हम इसे गंभीरता से नहीं ले सकते।' कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और असम जातीय परिषद (एजेपी) ने राज्य सरकार की हथियार लाइसेंस नीति को उदार बनाने के इस फैसले की आलोचना की है।