असम में मुस्लिम बहुल जिलों की संख्या पर उपाध्यक्ष का बयान
असम विधानसभा के उपाध्यक्ष नुमाल मोमिन ने राज्य में मुस्लिम बहुल जिलों की संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि 15 जिले अब मुस्लिम बहुल बन चुके हैं, जो आज़ादी के समय एक भी नहीं थे। मोमिन ने इस स्थिति को असम की मूल संस्कृति के लिए खतरा बताया और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की बेदखली अभियान की सराहना की। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और असम की जनसांख्यिकीय स्थिति के बारे में और क्या कहा गया है।
Jul 15, 2025, 13:08 IST
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असम विधानसभा के उपाध्यक्ष का दावा
असम विधानसभा के उपाध्यक्ष नुमाल मोमिन ने हाल ही में कहा कि राज्य के 15 जिले अब मुस्लिम बहुल बन चुके हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस का उद्देश्य असम को इस्लामिक राज्य में बदलना है। मोमिन ने एक साक्षात्कार में बताया कि आज़ादी के समय असम में कोई भी जिला मुस्लिम बहुल नहीं था, और वर्तमान स्थिति चिंताजनक है।
घुसपैठ और जनसांख्यिकीय परिवर्तन
उपाध्यक्ष ने कहा कि निचले असम से मध्य और ऊपरी असम में घुसपैठ एक सुनियोजित तरीके से हो रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उनके बचपन में गोलाघाट जिले में केवल 60-70 मुस्लिम घर थे, जो अब बढ़कर 6000-7000 हो गए हैं। यह स्थिति असम की मूल संस्कृति के लिए एक गंभीर खतरा है।
मुख्यमंत्री की चिंता
नुमाल मोमिन ने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है। यह केवल मुख्यमंत्री के लिए नहीं, बल्कि हर असमिया और मूल निवासी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने बेदखली अभियान की सराहना की, लेकिन कहा कि और भी अभियान चलाने की आवश्यकता है।
ट्विटर पर बयान
#WATCH | Guwahati | Assam Legislative Assembly Deputy Speaker Dr Numal Momin says, "15 districts of the state have become Muslim majority districts. At the time of independence, there was not a single district with a Muslim majority. It is a very alarming situation in… pic.twitter.com/bKzi8jAGA1
— News Media (@NewsMedia) July 15, 2025