असम में ज़ुबीन गर्ग की मौत पर हिंसक प्रदर्शन, पुलिस ने की कार्रवाई

बक्सा ज़िले में तनाव और हिंसा
बुधवार को असम के बक्सा ज़िले में प्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गर्ग की मृत्यु के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों के जिला जेल पहुंचने के बाद तनाव फैल गया। जेल के बाहर उनके प्रशंसकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो जल्दी ही हिंसक हो गया। जब पुलिस आरोपियों को ले जा रही थी, तब प्रदर्शनकारियों ने उनके वाहन पर हमला कर दिया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महंत, गायक के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, चचेरे भाई संदीपन गर्ग और नंदेश्वर बोरा शामिल हैं। इन सभी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जैसे ही आरोपियों को जेल में लाया गया, ज़ुबीन गर्ग के लिए न्याय की मांग कर रहे लोगों की एक बड़ी भीड़ जमा हो गई और उन्होंने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
पुलिस की कार्रवाई और स्थिति का नियंत्रण
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियाँ चलाईं और आँसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान एक पुलिस वाहन में आग भी लगा दी गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों ने जेल और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है। ज़ुबीन गर्ग की मृत्यु ने पूरे असम में आक्रोश फैलाया है, और उनके समर्थक मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं।
ज़ुबीन गर्ग की अचानक मृत्यु
असमिया गायक ज़ुबीन गर्ग, जो अपने हिट गाने "या अली" के लिए जाने जाते हैं, का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्री यात्रा के दौरान हुआ। 52 वर्षीय गर्ग अगले दिन नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में प्रदर्शन करने वाले थे। सूत्रों के अनुसार, उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में रखा, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उनकी अचानक मृत्यु ने प्रशंसकों और असमिया समुदाय को स्तब्ध कर दिया है, जिससे भारतीय संगीत जगत में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है। प्रारंभ में यह मामला एक आकस्मिक मृत्यु का प्रतीत हुआ, लेकिन बाद में इसे हत्या का मामला माना जाने लगा, जब गायक की पत्नी गरिमा और कई प्रशंसकों ने इसमें गड़बड़ी का आरोप लगाया।