असम में गैंसों के खिलाफ ऑपरेशन फाल्कन की सफलता

असम में 'ऑपरेशन फाल्कन' ने 42 शिकारियों की गिरफ्तारी और कई अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का पता लगाने में सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस अभियान की सराहना की है, जिसमें शिकारियों का पीछा करने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया गया है। यह अभियान 2024 में शुरू हुआ था और तब से कई शिकार के प्रयासों को विफल किया गया है। जानें इस ऑपरेशन की पूरी कहानी और इसके प्रभाव के बारे में।
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ऑपरेशन फाल्कन की उपलब्धियाँ


गुवाहाटी, 11 अगस्त: असम में हाथियों के शिकार को रोकने के लिए शुरू किए गए 'ऑपरेशन फाल्कन' के तहत 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस अभियान के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़े गिरोहों का पता लगाया गया है और कई शिकार के प्रयासों को विफल किया गया है।


मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को एक वीडियो क्लिप के माध्यम से इस अभियान की प्रगति साझा की, जिसमें उन्होंने इस ऑपरेशन की सराहना की।


उन्होंने कहा कि शिकारियों का पीछा करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया गया है, जिसमें ग्राउंड से लेकर डिजिटल इंटेलिजेंस तक शामिल है।


उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "#OperationFalcon – शिकार और अवैध पशु व्यापार को समाप्त करना।" वीडियो में बताया गया कि इस ऑपरेशन के तहत अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का पता लगाया गया है, और म्यांमार के माध्यम से अवैध व्यापार से जुड़े छह प्रमुख गैंसों का पता लगाया गया है।


वीडियो में कहा गया है कि 'ऑपरेशन फाल्कन' असम पुलिस और वन विभाग के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है।


यह कार्यक्रम 2024 में शुरू किया गया था, जब दो गैंसों की हत्या ने अधिकारियों को अपने शिकार विरोधी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया।


असम भर में कुल 42 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 18 बिस्वनाथ, 8 दारंग, 6 नगाोन, 5 कार्बी आंगलोंग, 2 सोनितपुर और 1-1 उदालगुरी, डिब्रूगढ़ और कछार से हैं।


वीडियो में यह भी कहा गया है कि 'ऑपरेशन फाल्कन' तब तक जारी रहेगा जब तक असम से शिकार समाप्त नहीं हो जाता।


राज्य के एक-सींग वाले गैंसों को उनके सींगों के लिए निशाना बनाया जाता है, जिन्हें अंधविश्वास के अनुसार औषधीय या उपचारात्मक गुणों वाला माना जाता है, हालांकि वैज्ञानिक अध्ययन ने इस विश्वास को गलत साबित किया है।