असम पुलिस ने रोहिंग्याओं के संदिग्ध समूह को हिरासत में लिया

असम में रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी
असम पुलिस ने कछार जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट नौ संदिग्ध रोहिंग्याओं को हिरासत में लिया है, जिनमें दो महिलाएं और पांच बच्चे शामिल हैं। यह जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को साझा की।
कछार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नुमल महत्ता ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर मंगलवार शाम को कटिगोराह क्षेत्र से इन संदिग्धों को पकड़ा गया।
महत्ता ने संवाददाताओं को बताया, 'वे कई वर्षों से भारत में रह रहे थे और हाल ही में इस क्षेत्र में बसने का इरादा रखते थे। उन्होंने सीमा पार करने की कोशिश नहीं की, लेकिन हमारी टीम ने उन्हें यहां आने से पहले ही रोक लिया।'
हालांकि, कटिगोराह क्षेत्र के बिश्वनभरपुर गांव के निवासियों ने पहले यह दावा किया था कि उन्होंने बाजार में कुछ अपरिचित लोगों को देखा और उनसे पूछताछ के बाद उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'वे रोहिंग्या जैसी बोली बोल रहे थे। यह पहली बार नहीं है जब हमने यहां अपरिचित चेहरे देखे हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष भी ऐसी घटनाएं हुई थीं, जिसके चलते कई अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया था।
हिरासत में लिए गए लोगों ने बताया कि वे लगभग 20 साल पहले अवैध रूप से भारत में प्रवेश किए थे और जम्मू-कश्मीर तथा तेलंगाना जैसे विभिन्न राज्यों में काम कर चुके हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पूछताछ के दौरान, संदिग्ध रोहिंग्याओं ने बताया कि वे बांग्लादेश लौटना चाहते थे, क्योंकि वहां उनके रिश्तेदार हैं और दो बिचौलियों ने उन्हें सीमा पार कराने का वादा किया था।
इन नौ लोगों ने दावा किया कि वे हैदराबाद से ट्रेन के माध्यम से आए थे और एक बिचौलिए द्वारा उन्हें सीमा के निकट एक जंगल में ले जाया गया, जहां वे पूरे दिन बिना भोजन और पानी के रहे।
अधिकारी ने बताया कि शाम के समय, रोहिंग्याओं ने भोजन की तलाश में जंगल से बाहर निकलने की कोशिश की, तभी स्थानीय लोगों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को सिलचर लाया गया है और जांच जारी है।