असम के राहत शिविरों का दौरा: मौलाना महमूद असद मदनी का समर्थन

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने असम के राहत शिविरों का दौरा किया, जहाँ उन्होंने हाल ही में विस्थापित हुए परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने न्याय और मानवता के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का आश्वासन दिया। इस दौरे में प्रतिनिधिमंडल ने लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा की और पीड़ितों की समस्याओं को सुना। जानें इस महत्वपूर्ण दौरे के बारे में और मौलाना मदनी के विचारों को।
 | 
असम के राहत शिविरों का दौरा: मौलाना महमूद असद मदनी का समर्थन

असम में राहत शिविरों का दौरा

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने असम के राहत शिविरों का दौरा किया, जहाँ हाल ही में बुलडोजर कार्रवाई के कारण विस्थापित परिवार रह रहे हैं। यह प्रतिनिधिमंडल अब तक प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा कर चुका है, जहाँ उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। बैतबारी शिविर में मौलाना मदनी ने बेघर हुए परिवारों से गहन चर्चा की और उन्हें जमीयत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।


'लड़ाई जारी रखेंगे'

'लड़ाई जारी रखेंगे'

मौलाना मदनी ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई अतिक्रमण हटाने के खिलाफ नहीं है, बल्कि न्यायिक आदेशों की अनदेखी कर लोगों को बेघर करने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह न्याय और मानवता दोनों के खिलाफ है। मदनी ने यह भी कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद हमेशा उत्पीड़ितों के साथ खड़ा रहेगा, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े। यह उनके बुजुर्गों की प्रेरणादायक परंपरा का हिस्सा है। प्रतिनिधिमंडल में जमीयत महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, मौलाना मुफ्ती जावेद इकबाल (अध्यक्ष, जमीयत उलेमा बिहार), मौलाना खालिद किशनगंज (नाज़िम, जमीयत उलेमा किशनगंज), मौलाना नवेद आलम कासमी, कारी नौशाद आदिल (संयोजक, जमीयत उलेमा-ए-हिंद), मौलाना हाशिम कासमी (कोकराझार, असम) और मौलाना सलमान कासमी (संयोजक, जमीयत उलेमा-ए-हिंद) शामिल थे।