असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव के लिए सीमांचल में शुरू किया अभियान

असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीमांचल क्षेत्र में अपने अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने तेजस्वी यादव को संभावित चुनाव पूर्व गठबंधन के संबंध में पत्र लिखा है। ओवैसी का लक्ष्य क्षेत्र के पिछड़ेपन, अशिक्षा और बेरोजगारी को उजागर करना है। जानें उनके चुनावी रणनीति और गठबंधन की संभावनाएँ।
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असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव के लिए सीमांचल में शुरू किया अभियान

ओवैसी का चुनावी अभियान

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीमांचल क्षेत्र में अपने अभियान की शुरुआत की है। उनकी पार्टी का भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) के साथ गठबंधन पर अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। 2020 के चुनावों में एआईएमआईएम ने 19 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और इनमें से पांच सीटें जीती, जो सभी सीमांचल क्षेत्र में थीं, जहां मुस्लिम जनसंख्या अधिक है। इस क्षेत्र में पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया जिले शामिल हैं। हालांकि, लोकसभा चुनावों में एआईएमआईएम ने बिहार में 15 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन कोई भी सीट नहीं जीत पाई।


गठबंधन की संभावनाएँ

असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि उनकी पार्टी की बिहार इकाई के प्रमुख अख्तरुल ईमान ने तेजस्वी यादव को संभावित चुनाव पूर्व गठबंधन के संबंध में पत्र लिखा है। किशनगंज में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा कि अख्तरुल ईमान ने यादव से कहा है कि एआईएमआईएम नवंबर में होने वाले चुनाव में 243 में से छह सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। इस गठबंधन में राजद प्रमुख साझेदार है, जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर है और कई अन्य पार्टियाँ भी शामिल हैं। ओवैसी ने कहा कि अख्तरुल ईमान ने यहाँ के नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखा है और हमने मीडिया के माध्यम से कहा है कि एआईएमआईएम गठबंधन के लिए तैयार है।


सीमांचल के लोगों का भविष्य

ओवैसी ने कहा कि आरजेडी से गठबंधन की पेशकश करना उनकी कमजोरी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में मुस्लिमों का कोई ऐसा नेता नहीं है जो समाज की बात कर सके। ओवैसी ने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए 23 से 27 सितंबर तक सीमांचल क्षेत्र में न्याय यात्रा पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 60 वर्षों से सीमांचल के लोगों का भाग्य पटना में बैठे किसी ने तय किया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सीमांचल के लोग खुद अपने भविष्य का निर्णय लेंगे।


जनसभाएँ और मुद्दे

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ओवैसी किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जैसे मुस्लिम बहुल जिलों में 24 से अधिक जनसभाएँ करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्र के पिछड़ेपन, अशिक्षा, बेरोजगारी और गरीबी को उजागर करना है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि ओवैसी पहले 2020 में एआईएमआईएम द्वारा जीते गए पांच निर्वाचन क्षेत्रों को निशाना बनाएंगे, ताकि 2022 में चार विधायकों के राजद में शामिल होने के बावजूद अपना आधार मजबूत किया जा सके।