अश्विनी वैष्णव ने जीएसटी सुधारों पर विपक्ष की आलोचना की

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जीएसटी सुधारों की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने यूपीए शासन के दौरान करों की स्थिति की तुलना की और बताया कि कैसे जीएसटी के तहत करों में कमी आई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री को इन सुधारों के लिए धन्यवाद दिया। वैष्णव ने कहा कि विपक्ष असंतुष्ट है, जबकि अब आम आदमी के लिए कई वस्तुएं सस्ती हो गई हैं।
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अश्विनी वैष्णव ने जीएसटी सुधारों पर विपक्ष की आलोचना की

जीएसटी सुधारों की चर्चा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासन के दौरान घरेलू वस्तुओं पर करों की तुलना जीएसटी में कटौती के बाद के करों से की। वैष्णव ने बताया कि 2014 से पहले उद्योग और एमएसएमई कर आतंक का सामना कर रहे थे। राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधार अब लागू हो चुके हैं। हाल ही में, जब वह आरके पुरम के एक बाजार में गए थे, तो वहां खरीदारी कर रहे लोगों ने भी अपनी खुशी व्यक्त की।


यूपीए शासन की तुलना

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यूपीए के शासन में उद्योगों और एमएसएमई पर करों का आतंक था। कई करों को जीएसटी में एकीकृत किया गया है। जब जीएसटी को व्यापक रूप से अपनाया गया, तो इसके साथ अगली पीढ़ी के सुधार भी आए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री को इन सुधारों के लिए धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूपीए सरकार की तुलना में सीमेंट, सैनिटरी पैड और जूतों पर कर की दरें काफी कम हो गई हैं।


विपक्ष की नाखुशी

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विपक्ष असंतुष्ट है। उनके समय में केवल बातें होती थीं, कार्य नहीं। यूपीए ने सीमेंट पर 30 प्रतिशत कर लगाया था, जिससे आम आदमी के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया था। अब यह कर 18 प्रतिशत है। सैनिटरी पैड पर पहले 13 प्रतिशत कर था, जबकि अब कोई कर नहीं है। घरों में उपयोग होने वाले पेंट पर पहले 30 प्रतिशत कर लगता था, जो अब घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। जूते-चप्पल पर कर अब 5 प्रतिशत है, जबकि यूपीए के समय यह 18 प्रतिशत था।


घरेलू वस्तुओं पर कर की दरें

उन्होंने यह भी कहा कि रेफ्रिजरेटर और टेलीविजन जैसी घरेलू वस्तुओं को विलासिता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। यूपीए शासन में डिटर्जेंट, शैम्पू और कॉफी जैसी वस्तुओं पर 30 प्रतिशत कर लगता था, जबकि जीएसटी 2.0 में यह घटकर 5 प्रतिशत हो गया है। वैष्णव ने कहा, "हर परिवार की ख्वाहिश होती है कि उसके पास एक रेफ्रिजरेटर और टेलीविजन हो; ये वस्तुएं विलासिता नहीं हैं। रेफ्रिजरेटर पर 30 प्रतिशत कर था, जो अब 18 प्रतिशत हो गया है। डिटर्जेंट और शैम्पू पर कर 30 प्रतिशत था, अब यह 5 प्रतिशत है। कॉफी पर कर भी 30 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।"