अलीगढ़ के बादल बाबू की पाकिस्तान से घर वापसी की प्रक्रिया शुरू

अलीगढ़ के बादल बाबू, जो एक युवती के प्यार में पाकिस्तान गए थे, अब अपनी जेल की सजा पूरी कर चुके हैं और भारत लौटने की प्रक्रिया में हैं। उनके परिवार में खुशी का माहौल है, जबकि वकील ने उनकी रिहाई के लिए कई प्रयास किए। जानें इस दिलचस्प कहानी के बारे में और कैसे बादल बाबू ने अपनी यात्रा के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया।
 | 
अलीगढ़ के बादल बाबू की पाकिस्तान से घर वापसी की प्रक्रिया शुरू

बादल बाबू की रिहाई और घर वापसी

अलीगढ़ के बादल बाबू की पाकिस्तान से घर वापसी की प्रक्रिया शुरू


उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के खिटकारी गांव के निवासी बादल बाबू की भारत वापसी की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। एक युवती के प्रेम में पड़कर अवैध रूप से पाकिस्तान पहुंचे बादल ने वहां की जेल में अपनी सजा पूरी कर ली है। अब उसे रिहा कर दिया गया है और वह वर्तमान में पाकिस्तान के एक डिटेंशन सेंटर में है। भारत में उसे वापस लाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। वकील का कहना है कि अगले एक सप्ताह में बादल बाबू को भारत भेजा जाएगा, जिससे उसके परिवार में खुशी का माहौल है।


सूत्रों के अनुसार, बादल बाबू को 27 दिसंबर 2024 को पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान जब उससे वीजा या अन्य वैध दस्तावेज मांगे गए, तो वह कोई भी कागज प्रस्तुत नहीं कर सका, जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया। बादल के पिता, कृपाल सिंह, ने बेटे की रिहाई के लिए कई प्रयास किए और एक मित्र के माध्यम से कराची के वकील फियाज रामे से संपर्क किया, जिन्होंने बादल का केस लड़ा।


लगभग चार महीने पहले, 30 अप्रैल को अदालत ने बादल बाबू को अवैध सीमा पार करने के मामले में एक साल की कैद और पांच हजार रुपये का जुर्माना सुनाया था। हालांकि, वकील फियाज रामे ने सजा में रियायत की अपील की, जिसके चलते बादल को सजा अवधि से पहले रिहा कर दिया गया। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर इस मामले की जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने यह केस मानवता के नाते मुफ्त में लड़ा।


कोर्ट में पैरवी के लिए लंबी यात्रा


वकील फियाज रामे ने बताया कि उन्हें केस की पैरवी के लिए लगभग 300 किलोमीटर दूर कोर्ट जाना पड़ता था और इसके लिए उन्होंने अपनी जेब से खर्च किया। उन्होंने अदालत में यह साबित किया कि बादल कोई जासूस नहीं है, बल्कि भावनात्मक कारणों से सीमा पार कर गया था। इसी आधार पर अदालत ने उसे अधिक सजा नहीं दी। वकील ने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय को प्रार्थना पत्र भेजकर बादल को जल्द भारत डिपोर्ट करने की मांग की है।


बादल बाबू का विवादास्पद वीडियो


इस मामले में एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें बादल बाबू ने कहा था कि उसने जेल में इस्लाम कबूल कर लिया है और अब वह भारत नहीं लौटेगा। इस पर उसके पिता कृपाल सिंह ने कहा कि यह संभव है कि बेटे ने अपने बचाव में या किसी दबाव में ऐसा कहा हो। उनका कहना है कि बेटे की सुरक्षित वापसी ही उनके लिए सबसे बड़ी राहत होगी।


युवती ने शादी से किया इनकार


बादल बाबू इससे पहले भी दो बार भारत-पाकिस्तान सीमा पार करने की कोशिश कर चुका था, लेकिन उन मौकों पर उसे वापस लौटा दिया गया था। इस बार वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मंडी बहाउद्दीन जिले के माउंग गांव पहुंचा, जहां उसकी 21 वर्षीय फेसबुक मित्र रहती थी। बादल उससे शादी करना चाहता था, लेकिन युवती ने पाकिस्तान पुलिस को दिए बयान में स्पष्ट कहा कि उसे बादल से शादी करने में कोई रुचि नहीं है।


परिवार की भावनाएं


बेटे की रिहाई की खबर सुनते ही गांव खिटकारी में मिठाइयां बांटी गईं। मां की आंखों में खुशी के आंसू थे। पिता कृपाल सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि कई महीनों से वकील से संपर्क नहीं हो पा रहा था। दो दिन पहले उन्हें सपने में बेटा दिखाई दिया और इसके बाद उसकी रिहाई की खबर मिली। उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि बेटे की जल्द से जल्द भारत वापसी के लिए हस्तक्षेप किया जाए।