अल-फलाह विश्वविद्यालय पर धोखाधड़ी का आरोप, ईडी ने की गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय ने अल-फलाह विश्वविद्यालय और उसके ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें छात्रों से धोखाधड़ी से फीस वसूलने का मामला शामिल है। जवाद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद, ईडी ने अदालत में रिमांड आवेदन दायर किया है। जांच में विश्वविद्यालय के वित्तीय लेन-देन और अवैध संपत्तियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और ईडी की कार्रवाई के पीछे की कहानी।
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अल-फलाह विश्वविद्यालय पर धोखाधड़ी का आरोप, ईडी ने की गिरफ्तारी

अल-फलाह विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय और उसके ट्रस्ट ने झूठे मान्यता के दावों के जरिए छात्रों और उनके अभिभावकों को धोखा देकर 415.10 करोड़ रुपये की राशि वसूली।


जांच एजेंसी ने मंगलवार को अल-फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद अदालत में रिमांड आवेदन में यह जानकारी दी।


तलाशी और साक्ष्य संग्रह

ईडी ने बताया कि अल-फलाह समूह से जुड़े परिसरों में तलाशी के दौरान एकत्रित साक्ष्यों की गहन जांच के बाद सिद्दीकी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई 14 नवंबर को दर्ज की गई पीएमएलए मामले के संदर्भ में की गई थी।


आयकर रिटर्न का विश्लेषण

ईडी ने वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक के आयकर रिटर्न का विश्लेषण किया, जिसमें विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से स्वैच्छिक योगदान और शैक्षिक प्राप्तियों के रूप में महत्वपूर्ण राजस्व का खुलासा हुआ।


ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2014-15 में 30.89 करोड़ रुपये और 2015-16 में 29.48 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक योगदान घोषित किया। इसके बाद के वर्षों में, बड़ी आय को शैक्षिक राजस्व के रूप में रिपोर्ट किया गया।


सिद्दीकी की हिरासत में पूछताछ

ईडी ने अदालत से सिद्दीकी की हिरासत में पूछताछ की मांग की है, ताकि शुल्क संरचना, दान, और अवैध धन से बनी संपत्तियों का पता लगाया जा सके। एजेंसी ने चेतावनी दी है कि सिद्दीकी जांच में बाधा डालने के लिए धन का दुरुपयोग कर सकते हैं।