अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का 92वां जन्मदिन: जीवन की रोचक बातें

अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन, जो आज 92 वर्ष के हो गए हैं, ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वह पहले एशियाई हैं जिन्हें अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला। उनके कार्यों ने भारत और विकासशील देशों की गरीबी को समझने और दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस लेख में, हम उनके जीवन, शिक्षा, और अकाल पर उनके विचारों के बारे में जानेंगे।
 | 
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का 92वां जन्मदिन: जीवन की रोचक बातें

अमर्त्य सेन का जन्मदिन

भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन, जिन्होंने नोबेल पुरस्कार जीता, आज 03 नवंबर को अपने 92वें जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। वह अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई हैं। 1998 में इस पुरस्कार के साथ-साथ उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया। अमर्त्य सेन ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा विदेश में बिताया, लेकिन उनका ध्यान हमेशा भारत और अन्य विकासशील देशों की गरीबी और इसके समाधान पर केंद्रित रहा। आइए, उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियों पर नजर डालते हैं...


परिवार और प्रारंभिक जीवन

अमर्त्य सेन का जन्म 03 नवंबर 1933 को पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से बीए, एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल की।


शिक्षण करियर

अमर्त्य सेन ने भारत और इंग्लैंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अर्थशास्त्र का अध्ययन कराया। इनमें जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ऑक्सफोर्ड और लंदन विश्वविद्यालय शामिल हैं। बाद में, वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में शामिल हुए और 1998 में ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज के मास्टर बने। वह इस पद पर 2004 तक रहे और फिर हार्वर्ड लौटकर लामोंट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बने।


भूख और अकाल पर कार्य

अमर्त्य सेन को अकाल के प्रभावों पर काम करने के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने भोजन की कमी के प्रभावों को सीमित करने के लिए व्यावहारिक समाधान विकसित किए। उनका व्यक्तिगत अनुभव भी इस विषय से जुड़ा है, क्योंकि उन्होंने 1943 में बंगाल के अकाल को नजदीक से देखा था, जिसमें लाखों लोग मारे गए थे। सेन का मानना था कि उस समय भारत में खाद्य सामग्री की कोई कमी नहीं थी, बल्कि वितरण में समस्या थी।


नोबेल पुरस्कार और अन्य सम्मान

अमर्त्य सेन को 2012 में फ्रांस के लीजन डी'होनर और 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने पांच महाद्वीपों के संस्थानों से 100 से अधिक मानद उपाधियाँ प्राप्त की हैं। 1998 में, उन्हें अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में उनके कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिकता के लिए काम करने के लिए आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार मिला।