अरुणाचल प्रदेश में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

अरुणाचल प्रदेश सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए हर जिले में टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया है। यह कदम गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत उठाया गया है, जिसमें अवैध प्रवासियों की पहचान और दस्तावेजों की जांच की जाएगी। जो लोग वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाएंगे, उन्हें निर्वासन का सामना करना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है।
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अरुणाचल प्रदेश में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए टास्क फोर्स का गठन


ईटानगर, 5 जून: अरुणाचल प्रदेश सरकार बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज करते हुए, प्रत्येक जिले में एक टास्क फोर्स स्थापित कर रही है। इसका उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना और आंतरिक लाइन परमिट (ILP) के प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना है।


गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, राज्य ने गुरुवार को सभी जिलों को तुरंत जिला टास्क फोर्स (DTFs) गठित करने का आदेश दिया।


यह निर्णय बुधवार को गृह मंत्री के सलाहकार मचु मिथि और डीजीपी आनंद मोहन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।


मिथि ने कहा, "हर जिले में एक जिला टास्क फोर्स का गठन तुरंत किया जाएगा ताकि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान की जा सके और आंतरिक लाइन परमिट प्रणाली का सख्ती से पालन किया जा सके।"


बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, जिनमें निरीक्षक जनरल और पुलिस अधीक्षक शामिल थे, ने भी भाग लिया।


गृह मंत्रालय ने पिछले महीने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बांग्लादेश और म्यांमार से आने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान और दस्तावेजों की जांच के लिए 30 दिन की समय सीमा दी थी।


जो लोग वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे, उन्हें निर्वासन का सामना करना पड़ेगा, अधिकारियों ने बताया।


राज्यों को अवैध प्रवासियों की पहचान, हिरासत और निर्वासन के लिए अपने वैधानिक अधिकारों का उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया।


सीमा सुरक्षा बल (BSF) और असम राइफल्स को भी इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं, जो इन दोनों देशों के साथ भारत की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं।