अरविंद केजरीवाल ने CJI पर जूता फेंकने की घटना पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट में हमले की बढ़ती चर्चा

अरविंद केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस पर हुए हमले की घटना ने देशभर में चर्चा का विषय बना लिया है। इस हमले की कड़ी निंदा की जा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जस्टिस गवई ने इस मामले को नजरअंदाज करते हुए उस व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जिसने उन पर जूता फेंकने की कोशिश की। केजरीवाल ने इसे जस्टिस गवई की महानता बताया।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने न्यायपालिका को एक गंभीर संदेश दिया है। केजरीवाल ने सवाल उठाया कि यदि चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने वाला व्यक्ति बच सकता है, तो क्या अन्य जज सुरक्षित हैं?
यहां देखें पोस्ट:
Justice Gavai decided to leave the matter and not act against the person who tried to throw shoe at him. This is indeed his greatness.
However, the whole incident has sent a chilling message to the entire judiciary. That if anyone can get away with throwing shoe at CJI, then
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 8, 2025
कोर्ट को कार्रवाई करनी चाहिए
केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि जिस तरह से चीफ जस्टिस गवई का मजाक उड़ाया जा रहा है और उन्हें धमकाया जा रहा है, यह पूरी घटना कोर्ट को डराने की एक सुनियोजित कोशिश लगती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट को इन गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा दोनों को खतरा होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि जूता फेंकने वाले व्यक्ति और उन्हें धमकाने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी न्यायपालिका के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न कर सके।
आप नेताओं का समर्थन
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल की बातों का समर्थन किया और जूता फेंकने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मनीष सिसोदिया ने भी केजरीवाल के ट्वीट को साझा करते हुए कहा कि यदि ऐसे हमलावर बच जाते हैं, तो भविष्य में कोई भी जज सुरक्षित नहीं रहेगा। ऐसे हमलों के खिलाफ कठोर सजा आवश्यक है, अन्यथा न्यायपालिका की गरिमा को खतरा होगा।
यह घटना तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, पुलिस ने उसे तुरंत रोक लिया। चीफ जस्टिस ने इस घटना को नजरअंदाज करते हुए कोर्ट में शांति बनाए रखने की अपील की और जूता फेंकने वाले व्यक्ति को माफ कर दिया।