अयोध्या में धमाके से मचा हड़कंप, जांच में उठे सवाल

अयोध्या में भयानक धमाका
राकेश पाण्डेय, अयोध्या
गुरुवार शाम को अयोध्या के पूराकलंदर क्षेत्र के पगलाभारी गांव में एक जोरदार धमाके ने पूरे इलाके को हिला दिया। पहले धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि इसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी। लेकिन यह घटना यहीं खत्म नहीं हुई; चार घंटे बाद एक और धमाका हुआ, जिसने सभी को चौंका दिया। इस दूसरे धमाके में 50 मीटर दूर खड़े लेखपाल आकाश सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत लखनऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। इस हादसे में एक महिला का शव 17 घंटे की मेहनत के बाद मलबे से निकाला गया, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई।
पहला धमाका: तबाही का मंजर
गुरुवार शाम को पगलाभारी गांव के निवासी रामकुमार गुप्ता के घर में अचानक एक तेज धमाका हुआ। इस भयानक घटना में रामकुमार, उनकी 10 वर्षीय बेटी ईशा, 7 वर्षीय बेटे लव, 5 वर्षीय बेटे यश और बीकापुर के लुत्फाबाद बछौली गांव के निवासी राम सजीवन की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा, रामकुमार की साली वंदना (22), जो सुल्तानपुर के कूरेभार क्षेत्र के चंदौर की रहने वाली थीं, मलबे में दब गईं। रातभर चले बचाव कार्य के बावजूद उनका कोई सुराग नहीं मिला।
दूसरा धमाका: मलबे में दबी जिंदगी
शुक्रवार सुबह जेसीबी की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू हुआ। दोपहर करीब 12 बजे मलबे के नीचे वंदना का शव मिला। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे गैस सिलेंडर विस्फोट बताया, लेकिन कई सवाल अब भी अनुत्तरित हैं।
पुलिस की जांच पर उठे सवाल
पुलिस ने दावा किया कि यह हादसा गैस सिलेंडर विस्फोट के कारण हुआ। बम डिस्पोजल स्क्वायड और फोरेंसिक टीमें मौके पर पहुंचकर नमूने इकट्ठा कर रही हैं। हालांकि, अभी तक जांच में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर जब सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया।
सांसद का सनसनीखेज आरोप: बारूद का जखीरा था मौजूद
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने घटनास्थल का दौरा कर पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह कोई सिलेंडर ब्लास्ट नहीं था, बल्कि गांव में बारूद का जखीरा मौजूद था। सांसद ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले साल भी गांव में इसी तरह का हादसा हुआ था, जिसमें तीन लोगों की जान गई थी। उस समय भी मृतक को गांव वालों ने बहिष्कृत कर दिया था, और वह गांव के बाहर मकान बनाकर अवैध कारोबार चला रहा था।
अवधेश प्रसाद ने कहा, “पुलिस को ऐसी घटनाओं पर नजर रखनी चाहिए। दीवाली का समय है, लोग पटाखों का कारोबार करते हैं। पुलिस को ऐसे अवैध धंधों पर सख्ती बरतनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
गांव में दहशत का माहौल
पगलाभारी गांव में इस हादसे के बाद से लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस पहले से सतर्क होती, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था। अब सभी की नजरें जांच की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस हादसे के असल कारणों का खुलासा करेगी।