अयोध्या में अवैध पटाखा कारोबार पर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल

अयोध्या में हाल ही में हुए एक भयानक विस्फोट ने प्रशासन की अवैध पटाखा कारोबार के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, चौक क्षेत्र में एक बड़ा पटाखा होलसेलर वर्षों से जनरल स्टोर के नाम पर बारूद का धंधा कर रहा है। प्रशासन की कार्रवाई की सच्चाई और बड़े माफियाओं पर नकेल कसने की आवश्यकता पर चर्चा की जा रही है। क्या यह कार्रवाई केवल दिखावे तक सीमित रह जाएगी? जानें पूरी कहानी।
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अयोध्या में अवैध पटाखा कारोबार पर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल

अयोध्या में खतरनाक पटाखा कारोबार का खुलासा

राकेश पांडेय की रिपोर्ट


अयोध्या। राम की नगरी अयोध्या की पवित्र गलियों में घंटों की गूंज और धूप की खुशबू के बीच एक गंभीर खतरा छिपा हुआ है। पूराकलंदर के पगलाभारी में हुए भयानक विस्फोट में 6 लोगों की जान चली गई, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद प्रशासन ने अवैध पटाखा व्यापार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है, लेकिन क्या यह कार्रवाई केवल दिखावे तक सीमित है?


चौक में छिपा बारूद का कारोबार

सूत्रों के अनुसार, अयोध्या-फैज़ाबाद के चौक क्षेत्र में रिफ्यूजी मार्किट में एक बड़ा पटाखा होलसेलर वर्षों से 'जनरल स्टोर' के नाम पर बारूद का धंधा कर रहा है। बताया गया है कि पुरानी सब्जी मंडी के पीछे, पुराने कोल्ड स्टोर के पास इस व्यापारी का गुप्त गोदाम है। यहीं से कंटेनरों में भरकर आसपास के जिलों में पटाखों की सप्लाई की जाती है। सूत्रों का कहना है कि इस सीजन में इस कारोबारी ने लगभग 2 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। फिर भी, पुलिस की छापेमारी की कार्रवाई अब तक इस 'बारूद के सौदागर' तक नहीं पहुंची है।


प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल

जब जिले के ईमानदार डीएम और एसएसपी ने अवैध पटाखा कारोबार को खत्म करने का ऐलान किया, तो लोगों में उम्मीद जगी थी। लेकिन चौक जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में यह गुप्त गोदाम कैसे बचा हुआ है? क्या प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई केवल छोटे दुकानदारों तक सीमित है? या फिर ये बड़े माफिया किसी 'अदृश्य संरक्षण' में फल-फूल रहे हैं? स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि इस खतरनाक खेल को रोकने के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे?


क्या है असली सच्चाई?

राम नगरी में बारूद का यह खतरनाक खेल केवल एक हादसे का परिणाम नहीं है, बल्कि यह सिस्टम की खामियों की कहानी बयां करता है। जब तक बड़े माफियाओं पर नकेल नहीं कसी जाएगी, तब तक अयोध्या की पवित्र गलियों में यह खतरा बना रहेगा। अब देखना यह है कि प्रशासन का दावा कितना सच्चा साबित होता है, या फिर यह कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रह जाएगी।