अयोध्या और वाराणसी के बीच हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे का निर्माण

अयोध्या और वाराणसी के बीच एक नया हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जो यात्रा को केवल दो घंटे में संभव बनाएगा। यह परियोजना न केवल काशी और अयोध्या के बीच की दूरी को कम करेगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। इसके साथ ही, अयोध्या को उत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण सड़क कनेक्टिविटी केंद्र बनाने की दिशा में कई अन्य परियोजनाएँ भी चल रही हैं। जानें इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में और कैसे यह व्यापार और उद्योग को नई दिशा देगी।
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अयोध्या और वाराणसी के बीच हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे का निर्माण

अयोध्या से वाराणसी तक यात्रा को बनाएगा आसान

अयोध्या और वाराणसी के बीच यात्रा को जल्द ही सरल और तेज बनाया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने लगभग 200 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की गई है।


पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने कहा, "इस परियोजना के पूरा होने पर अयोध्या से काशी की दूरी केवल दो घंटे में तय की जा सकेगी।" उन्होंने यह भी बताया कि "यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा, जिससे अयोध्या से दिल्ली तक की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।"


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अयोध्या में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, राम-जानकी मार्ग (अयोध्या से जनकपुर), अयोध्या-सुलतानपुर और अयोध्या-जगदीशपुर मार्ग, और राम वन गमन मार्ग शामिल हैं। इसके अलावा, लखनऊ हाईवे पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई ओवरब्रिज और अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, अयोध्या बाईपास का सौंदर्यीकरण भी 55 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।


यातायात दबाव को कम करेगा


शहर में बढ़ते यातायात को देखते हुए रिंग रोड परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही, अयोध्या-प्रयागराज ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल 6-लेन हाईवे के पहले चरण में प्रतापगढ़ तक सीमांकन की प्रक्रिया चल रही है। इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने पर, अयोध्या उत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण सड़क कनेक्टिविटी केंद्र बन जाएगा, जो धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा और व्यापार एवं उद्योग को नई दिशा देगा।