अमेरिकी नागरिकता पर ट्रंप का निर्णय गर्भवती महिलाओं के लिए चिंता का विषय

गर्भवती महिलाओं की बढ़ती चिंताएँ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नागरिकता संबंधी निर्णय ने गर्भवती महिलाओं में चिंता पैदा कर दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई महिलाएं अस्पतालों में समय से पहले डिलीवरी कराने की इच्छा व्यक्त कर रही हैं, ताकि वे 20 फरवरी से पहले अपने बच्चों को जन्म दे सकें। ट्रंप ने हाल ही में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। एक सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि कई अमेरिकी नागरिक इस निर्णय के खिलाफ हैं।
न्यू जर्सी के चिकित्सक डी रामा ने बताया कि उनके पास समय से पहले डिलीवरी के लिए अनुरोधों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इनमें से अधिकांश महिलाएं भारतीय हैं, जो अपनी प्रेग्नेंसी के 8वें या 9वें महीने में हैं और 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन कराना चाहती हैं। कुछ महिलाएं तो ऐसी हैं जिनकी डिलीवरी में अभी कई महीने बाकी हैं।
डॉक्टर रामा ने कहा, 'एक सात महीने की गर्भवती महिला अपने पति के साथ आई थी और प्री टर्म डिलीवरी कराना चाहती थी, जबकि उनकी डिलीवरी मार्च में होनी थी।' दरअसल, 20 फरवरी के बाद अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी यदि उनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं हैं।
टेक्सास की चिकित्सक एसजी मुक्कल ने कहा, 'मैं जोड़ों को यह समझाने की कोशिश कर रही हूं कि प्री टर्म डिलीवरी से मां और बच्चे के लिए कई जोखिम हो सकते हैं, जैसे अविकसित फेफड़े और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं।' उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में उन्होंने 15 से 20 जोड़ों से इस विषय पर चर्चा की है।
मार्च में बच्चे को जन्म देने की योजना बना रही एक महिला ने कहा, 'हम अपने ग्रीन कार्ड के लिए 6 साल से इंतजार कर रहे हैं। यह हमारे परिवार के लिए स्थिरता लाने का एकमात्र तरीका है। हम अनिश्चितता से चिंतित हैं।' एक व्यक्ति, जो 8 साल पहले अवैध रूप से अमेरिका आया था, ने कहा कि वह और उनकी पत्नी ट्रंप के निर्णय से दुखी हैं।
उन्होंने कहा, 'हमने सोचा था कि हम शरणार्थी बन जाएंगे, लेकिन मेरी पत्नी गर्भवती हो गई और हमारे वकील ने कहा कि हम अपने बच्चे के माध्यम से नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।'
ट्रंप के निर्णय के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। अमेरिका के 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने ट्रंप के उस आदेश के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दायर किया है, जिसमें जन्म के आधार पर नागरिकता देने के सौ साल पुराने नियम को समाप्त करने का प्रयास किया गया है। इस नियम के तहत, अमेरिका में जन्मे किसी भी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती थी, चाहे उनके माता-पिता किसी अन्य देश के हों।