अमेरिका में H-1B वीजा नियमों में बदलाव से भारतीय यात्रियों पर असर

H-1B वीजा पर नई आवेदन फीस का ऐलान
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में कई सुधार और नियमों में बदलाव हो रहे हैं। पहले टैरिफ युद्ध और अब वीजा नियमों में परिवर्तन ने भारत-अमेरिका यात्रा बाजार को संकट में डाल दिया है। एयरलाइनों का अनुमान है कि यात्रा में कमी आएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने H-1B वर्क वीजा पर 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की नई आवेदन फीस लगाने की घोषणा की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने इस खबर की पुष्टि की है। ट्रंप के इस निर्णय को उनकी इमिग्रेशन क्रैकडाउन नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
भारतीय पेशेवरों पर प्रभाव
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने बताया कि नई H-1B वीजा नीति अमेरिका में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों की यात्रा को प्रभावित कर सकती है। यह दीर्घकालिक में भारत में पारिवारिक और गैर-जरूरी यात्राओं को कम कर सकती है। उन्होंने कहा कि 70% से अधिक H-1B वीजा भारतीयों के पास हैं, जिससे कुछ भारत-अमेरिका मार्गों पर इसका प्रभाव अधिक हो सकता है।
यात्रियों की संख्या में गिरावट
एविएशन रिसर्च कंपनी Cirium के अनुसार, इस जनवरी में एयरलाइनों द्वारा भारत और अमेरिका के बीच पिछले वर्ष की तुलना में 27% कम सीटें उपलब्ध कराने की उम्मीद है। यह कमी मुख्य रूप से एयर इंडिया की लीडरशिप में हो रही है, जो पिछले जनवरी में 444 उड़ानों की तुलना में अब 278 उड़ानें संचालित करेगी। उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कंपनियां यात्रियों की संख्या में कमी देख रही हैं। अमेरिकी वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में अमेरिका जाने वाले भारतीयों की संख्या में 15% की गिरावट आई है। यह लगातार तीसरा महीना है जब गिरावट दर्ज की गई है।