अमेरिका ने 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' को आतंकवादी संगठन घोषित किया, भारत की कूटनीतिक जीत
अमेरिका ने 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को आतंकवादी संगठन घोषित किया है, जो भारत की कूटनीतिक सफलता का प्रतीक है। यह निर्णय भारत के सुरक्षा हितों को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ उसके प्रयासों को मान्यता देता है। इस कदम से पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क पर दबाव बढ़ेगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय सहयोग में सहूलियत मिलेगी। जानें इस फैसले के दूरगामी प्रभाव और भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते आतंकवाद-रोधी सहयोग के बारे में।
Jul 18, 2025, 12:53 IST
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अमेरिका का महत्वपूर्ण निर्णय
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पाकिस्तानी आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को अमेरिका ने आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है। इस निर्णय को भारत की एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि माना जा रहा है। यह न केवल भारत के सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ उसके प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने का संकेत भी है।
विदेश मंत्रालय का बयान
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस निर्णय की जानकारी दी। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कदम पहलगाम हमले के मामले में न्याय की दिशा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आपको याद दिला दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में तनाव बढ़ने पर उसने अपना बयान वापस ले लिया। भारतीय एजेंसी एनआईए ने TRF के प्रमुख शेख सज्जाद गुल को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया है।
TRF की पहचान
'द रेजिस्टेंस फ्रंट' को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रॉक्सी संगठन माना जाता है। यह संगठन कश्मीर में युवाओं को भड़काने और भारत विरोधी गतिविधियों को स्थानीय विद्रोह के रूप में प्रस्तुत करने के लिए पाकिस्तान द्वारा स्थापित किया गया था। 2019 के बाद से कश्मीर में आतंकी हमलों की एक नई श्रृंखला में TRF का नाम बार-बार सामने आया है।
भारत की कूटनीतिक सफलता
भारत ने लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह साबित करने का प्रयास किया है कि पाकिस्तान कश्मीर में 'हाइब्रिड टेरर' को बढ़ावा दे रहा है। अमेरिका के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि दुनिया भी पाकिस्तान की इन रणनीतियों को पहचान चुकी है। TRF को आतंकवादी संगठन घोषित करने के बाद अमेरिका के तहत इसके सभी फंडिंग स्रोतों और नेटवर्क पर रोक लगाई जाएगी, जिससे पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बढ़ेगा।
भारत-अमेरिका सहयोग
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों के समक्ष TRF जैसे संगठनों को आतंकवादी सिद्ध करने के लिए कई दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। यह निर्णय दर्शाता है कि भारत की कूटनीति अब वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने लगी है। अमेरिका समेत अन्य देश अब भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ रणनीति बनाने में सहयोग करेंगे।
TRF का आतंकवाद में योगदान
पहलगाम हमले में TRF की भूमिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर में आतंकी नेटवर्क पूरी तरह समाप्त नहीं हुए हैं। अमेरिका का यह निर्णय भारत को और अधिक सक्रिय और आक्रामक नीति अपनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय नैतिक समर्थन भी प्रदान करता है।
दूरगामी प्रभाव
इस फैसले के दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेंगे। यह पाकिस्तान की 'डेनायबिलिटी' को कमजोर करेगा और FATF में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए नए आधार तैयार करेगा। भारत की सुरक्षा एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय सहयोग से आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही में सहूलियत मिलेगी।
भारत का स्वागत
भारत ने TRF को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने के अमेरिका के फैसले का स्वागत किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे भारत-अमेरिका के बीच मजबूत आतंकवाद-रोधी सहयोग का प्रमाण बताया। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की सराहना की।
कूटनीतिक प्रयासों का परिणाम
अमेरिका द्वारा TRF को आतंकवादी घोषित करना केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि यह भारत की वर्षों पुरानी कूटनीतिक कोशिशों का ठोस परिणाम है। यह निर्णय यह संदेश देता है कि आतंकवाद के खिलाफ दोहरा रवैया अब नहीं चलेगा। भारत की आवाज को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से सुना जा रहा है।