अमेरिका ने 12 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया, भारत के पड़ोसी भी शामिल

अमेरिकी राष्ट्रपति का बड़ा निर्णय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 12 देशों को खतरनाक श्रेणी में डालने की घोषणा की है, जिसके तहत इन देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
इस सूची में भारत के दो पड़ोसी देशों का नाम भी शामिल है. ट्रंप द्वारा जिन 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें अफगानिस्तान और म्यांमार शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, ईरान और लीबिया जैसे देशों के लिए भी प्रवेश पर रोक लगाई गई है. इस सूची में चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सूडान और यमन के नागरिक भी शामिल हैं. वहीं, सात अन्य देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सियरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला शामिल हैं.
इन 12 देशों को अत्यधिक जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है, जिसका कारण नागरिकों की पर्याप्त जांच की कमी, आतंकवाद से संबंध और अमेरिकी एजेंसियों के साथ सहयोग की कमी बताई गई है. आंशिक प्रतिबंध वाले देशों के नागरिकों को बी-1, बी-2 जैसे उच्च श्रेणी के वीजा नहीं दिए जाएंगे, जिससे उनके अमेरिका में अधिक समय तक ठहरने पर भी रोक लगेगी.
व्हाइट हाउस ने इन देशों पर प्रतिबंध को उचित ठहराते हुए कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान का नियंत्रण है और वहां की कानून-व्यवस्था चिंताजनक है. ईरान और क्यूबा भी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों में माने जाते हैं. हैती और चाड जैसे देशों से अमेरिका में अवैध घुसपैठ की कई शिकायतें आई हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस यात्रा प्रतिबंध को सही ठहराते हुए कहा कि कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकियों को अमेरिका से दूर रखना आवश्यक है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह की पाबंदियों को उचित माना है. इससे पहले भी इन देशों के संदिग्ध नागरिकों की पृष्ठभूमि की जांच में सहयोग न मिलने के कारण ऐसे प्रतिबंध लगाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को देश की सुरक्षा के लिए ऐसे प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया है.
यह ध्यान देने योग्य है कि डोनाल्ड ट्रंप का अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के प्रति सख्त रुख रहा है. ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी सीमा पर दीवार बनाने की भी योजना बनाई थी, और पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान जैसे देशों के खिलाफ उनका रुख हमेशा सख्त रहा है.