अमेरिका द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ का प्रभाव और ट्रंप की दोहरी नीति

भारत पर टैरिफ का नया बोझ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे रूस से तेल खरीदने पर कुल टैरिफ 50% तक पहुंच जाएगा। यह नया टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। ट्रंप का यह कदम भारत को दंडित करने के लिए प्रतीत होता है, जबकि अन्य देश जैसे चीन और तुर्की भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। भारत को इस तरह से निशाना बनाना स्पष्ट रूप से पक्षपाती है।
ट्रंप का यह आरोप कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है, एक बड़ा विरोधाभास है। अमेरिका खुद भी रूस से महत्वपूर्ण मात्रा में आयात कर रहा है। 2025 के पहले छमाही में अमेरिका ने रूस से $2.50 बिलियन का आयात किया, जो चार साल पहले $14.14 बिलियन था। फिर भी, यह आयात पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।
अमेरिका की इस दोहरी नीति का एक और उदाहरण यह है कि यूरोपीय संघ (EU) अभी भी रूस से ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात कर रहा है। 2025 की पहली तिमाही में, EU ने रूस से 1.48 बिलियन यूरो का तेल आयात किया। यूरोप का लगभग 17% गैस रूस से आता है।
भारत ने अन्य देशों की कार्रवाइयों की निंदा नहीं की है, बल्कि यह स्वीकार किया है कि वे अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर निर्णय ले रहे हैं। भारत ने यह भी कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। ट्रंप की अप्रत्याशित नीतियों के बीच, भारत को धैर्यपूर्वक और शांति से स्थिति का सामना करना चाहिए।