अमेरिका के 50% टैरिफ का भारतीय हीरा उद्योग पर प्रभाव सीमित रहेगा

अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद, सूरत के हीरा उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इसका प्रभाव केवल थोड़े समय के लिए रहेगा। जगदीश खंट और जयेश पटेल जैसे उद्योग के नेताओं ने इस स्थिति पर अपनी चिंताएँ व्यक्त की हैं, यह बताते हुए कि भारत विश्व के हीरा उत्पादन का 90 प्रतिशत नियंत्रित करता है। वे यह भी मानते हैं कि यदि टैरिफ जारी रहते हैं, तो उन्हें अन्य देशों में बाजार खोजने की आवश्यकता पड़ सकती है।
 | 
अमेरिका के 50% टैरिफ का भारतीय हीरा उद्योग पर प्रभाव सीमित रहेगा

अमेरिका के टैरिफ का असर

बुधवार को अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद, सूरत के हीरा उद्योग के हितधारकों का मानना है कि इसका प्रभाव केवल थोड़े समय के लिए रहेगा, क्योंकि भारत विश्व के हीरा उत्पादन का 90 प्रतिशत नियंत्रित करता है।


सूरत हीरा संघ की प्रतिक्रिया

सूरत हीरा संघ के अध्यक्ष जगदीश खंट ने कहा कि यह टैरिफ सूरत के हीरा उद्योग को अल्पकालिक रूप से प्रभावित करेगा। उन्होंने बताया कि कोई अन्य देश भारत की जगह नहीं ले सकता, क्योंकि विश्व के 90 प्रतिशत हीरे का उत्पादन यहीं होता है।


व्यापारियों की चिंताएँ

हीरा निर्माता और व्यापारी जयेश पटेल का मानना है कि हर देश की अपनी नीतियाँ होती हैं। अमेरिका एक बड़ा बाजार है, इसलिए हीरा उद्योग को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यदि टैरिफ भविष्य में जारी रहते हैं, तो वे अन्य देशों में बाजार खोजने पर विचार करेंगे।


ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव

इस बीच, ट्रंप द्वारा लागू किए गए 50 प्रतिशत टैरिफ ने भारत के कम मार्जिन और श्रम-गहन निर्यात क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियाँ पेश की हैं। यह आदेश 27 अगस्त से प्रभावी हुआ है, जो राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश 14329 के तहत लागू किया गया है। यह अतिरिक्त शुल्क सभी भारतीय उत्पादों पर लागू होगा जो अमेरिका में उपभोग के लिए प्रवेश करते हैं या गोदामों से निकाले जाते हैं।