अमूल ने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतों में की कटौती, ग्राहकों को मिलेगी राहत

अमूल ने अपने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतों में कमी की घोषणा की है, जो 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगी। इस कटौती का उद्देश्य ग्राहकों को महंगाई से राहत प्रदान करना है। विशेष रूप से, घी की कीमत में 40 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई है। अमूल का मानना है कि यह कदम उत्पादों की मांग को बढ़ावा देगा और किसानों की आय में भी सुधार करेगा। जानें नई कीमतें और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
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अमूल ने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतों में की कटौती, ग्राहकों को मिलेगी राहत

अमूल की नई कीमतों का ऐलान

अमूल ने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतों में की कटौती, ग्राहकों को मिलेगी राहत

महंगाई से परेशान आम जनता के लिए एक अच्छी खबर आई है। देश के प्रमुख डेयरी ब्रांड अमूल ने अपने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतों में कमी करने का निर्णय लिया है। यह नई कीमतें 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी। अब घरों में उपयोग होने वाले मक्खन, घी, पनीर, चीज और आइसक्रीम जैसी आवश्यक वस्तुएं पहले से सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी। विशेष रूप से, घी की कीमत में सबसे अधिक कमी की गई है, जो अब 40 रुपये प्रति लीटर तक घट गई है। अमूल का संचालन करने वाली गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने बताया कि यह मूल्य कटौती सीधे GST दरों में कमी का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए की गई है।

> घी- अब 610 रुपये प्रति लीटर (पहले 650 रुपये)
> बटर (100 ग्राम)- अब 58 रुपये (पहले 62 रुपये)
> प्रोसेस्ड चीज ब्लॉक (1 किलो)- अब 545 रुपये (पहले 575 रुपये)
> फ्रोजन पनीर (200 ग्राम)- अब 95 रुपये (पहले 99 रुपये)

इसके अतिरिक्त, दूध, आइसक्रीम, चॉकलेट, बेकरी उत्पाद, फ्रोजन स्नैक्स, पीनट स्प्रेड और माल्ट-बेस्ड ड्रिंक जैसे कई अन्य उत्पादों पर भी नई कीमतें लागू होंगी।

ग्राहकों और बाजार पर प्रभाव

अमूल का मानना है कि कीमतों में यह कमी आइसक्रीम, मक्खन और चीज जैसे उत्पादों की मांग और खपत को बढ़ावा देगी, जिनकी भारत में खपत अभी भी कम है। कंपनी को उम्मीद है कि इससे बिक्री और कारोबार में तेजी आएगी।

किसानों और कारोबार पर प्रभाव
अमूल 36 लाख किसानों का सहकारी संगठन है। कंपनी का कहना है कि कीमतों में कमी से उत्पादों की मांग बढ़ेगी, जिससे अंततः किसानों की आय और कंपनी का टर्नओवर भी बढ़ेगा। पिछले वित्तीय वर्ष में अमूल ब्रांड का टर्नओवर लगभग 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जबकि GCMMF की अकेले की आय 65,911 करोड़ रुपये रही। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मदर डेयरी ने भी 22 सितंबर से अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा की थी.