अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा पद से दिया इस्तीफा

अमिताभ कांत, जो भारत के जी20 शेरपा थे, ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 45 वर्षों की सरकारी सेवा के बाद नए अवसरों की तलाश करने का निर्णय लिया है। कांत ने नीति आयोग में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों का नेतृत्व किया है। उनके इस्तीफे के पीछे की कहानी और उनके योगदान के बारे में जानें।
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अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा पद से दिया इस्तीफा

अमिताभ कांत का इस्तीफा

भारत के जी20 शेरपा, अमिताभ कांत, ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कांत ने सरकारी सेवा में 45 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्हें जुलाई 2022 में जी20 शेरपा के रूप में नियुक्त किया गया था, जब भारत ने जी20 प्रेसीडेंसी का कार्यभार संभाला। लिंक्डइन पर 'माई न्यू जर्नी' शीर्षक से साझा की गई पोस्ट में उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय तक सरकारी सेवा में रहने के बाद, उन्होंने नए अवसरों को अपनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके इस्तीफे को स्वीकार किया और उन्हें विकासात्मक पहलों में योगदान देने का अवसर दिया।


मेक इन इंडिया के प्रमुख संचालक


कांत ने लगभग छह वर्षों तक नीति आयोग के सीईओ के रूप में कार्य किया और हाल ही में उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। उन्हें 17 फरवरी, 2016 को दो वर्ष के लिए नीति आयोग के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था, और बाद में कई बार उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। इससे पहले, वे औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव रह चुके हैं। कांत मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, अतुल्य भारत और गॉड्स ओन कंट्री जैसे प्रमुख अभियानों के संचालक रहे हैं, जिन्होंने भारत और केरल को प्रमुख विनिर्माण और पर्यटन स्थलों के रूप में स्थापित किया। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल इंडिया, परिसंपत्ति मुद्रीकरण, विनिवेश, आकांक्षी जिला कार्यक्रम और इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी ध्यान केंद्रित किया।