अमित शाह ने पहलगाम हमले में मारे गए आतंकवादियों की पुष्टि की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जानकारी दी कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। उन्होंने फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पुष्टि की कि इन आतंकवादियों की राइफलें निर्दोष नागरिकों की हत्या में इस्तेमाल की गई थीं। इसके अलावा, उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर की स्थिति पर भी चर्चा की, जिसमें पाकिस्तान के रडार सिस्टम को नष्ट करने की जानकारी दी। यह घटनाक्रम सुरक्षा बलों की कार्रवाई और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को उजागर करता है।
Jul 29, 2025, 15:58 IST
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संसद में गृह मंत्री की घोषणा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सुबह संसद में जानकारी दी कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को कल जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने मार गिराया। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले से संबंधित गोलियों के खोलों की फोरेंसिक रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि की गई। इन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद उनकी राइफलें जब्त की गईं, जिनमें एक M9 और दो AK-47 शामिल थीं। इन राइफलों को विशेष विमान से चंडीगढ़ की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया। वहां इन राइफलों से निकाले गए कारतूसों का मिलान पहलगाम में मिले कारतूसों से किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इनका इस्तेमाल निर्दोष नागरिकों की हत्या में किया गया था।
बैलिस्टिक रिपोर्ट की पुष्टि
उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई संदेह नहीं है। उनके पास बैलिस्टिक रिपोर्ट है, जिसमें छह वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की है और वीडियो कॉल पर पुष्टि की है कि पहलगाम में चलाई गई गोलियाँ और इन राइफलों से निकली गोलियाँ पूरी तरह मेल खाती हैं। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंक के आकाओं का सफाया किया। इसके बाद सेना और सीआरपीएफ ने भी उन आतंकवादियों का सफाया किया। अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग कह रहे थे कि अपराधी पाकिस्तान भाग गए, लेकिन उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने उन्हें जवाब दिया।
भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर
भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर पर अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान के छह रडार सिस्टम को नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमारे रिहायशी इलाकों पर हमला किया, लेकिन हमने केवल उनके हवाई ठिकानों पर हमला किया और उनकी हमलावर क्षमताओं को नष्ट कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान के पास आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, इसलिए 10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को फोन किया और शाम 5 बजे संघर्ष रोक दिया गया।