अमित शाह ने पहलगाम हमले में आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि की

भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम हमले में मारे गए आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी नागरिक थे और चिदंबरम पर निशाना साधते हुए सबूतों का हवाला दिया। शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी और कहा कि सुरक्षा बलों ने निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की निंदा की। जानें इस महत्वपूर्ण बयान के सभी पहलू।
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अमित शाह ने पहलगाम हमले में आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि की

गृह मंत्री का बयान

भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अपने बयान में बताया कि पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले में तीन पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे। शाह ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के ऑपरेशन सिंदूर की प्रामाणिकता पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत के पास इस बात के ठोस सबूत हैं कि मारे गए आतंकवादी पाकिस्तान से थे। उन्होंने संसद में कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के आतंकवादियों के पाकिस्तान से संबंध के पुख्ता प्रमाण हैं, जिसमें पाकिस्तानी मतदाता पहचान पत्र, राइफलें, कारतूस और पाकिस्तान में निर्मित चॉकलेट शामिल हैं। शाह ने बताया कि एनआईए ने पहले ही उन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था जिन्होंने आतंकवादियों को शरण दी थी। जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर पहुंचे, तो उनकी पहचान पहलगाम में हमले में शामिल तीन व्यक्तियों के रूप में हुई। आतंकवादी हमले में इस्तेमाल किए गए कारतूसों की एफएसएल रिपोर्ट पहले से तैयार थी। कल तीनों आतंकवादियों की राइफलें जब्त की गईं और उनका एफएसएल रिपोर्ट से मिलान किया गया। चंडीगढ़ में आगे की जांच के बाद पुष्टि हुई कि ये वही लोग थे जिन्होंने आतंकवादी हमला किया था。


चिदंबरम पर निशाना

चिदंबरम एंड कंपनी के जमाने में आतंकी मारे गए

चिदंबरम पर सीधा निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कल चिदंबरम जी ने सवाल उठाया था: क्या सबूत है कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे? यह सवाल संसद में चर्चा से ठीक पहले उठाया गया। मैं पूछता हूँ, पाकिस्तान को बचाने से आपको क्या मिलेगा? उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पर पाकिस्तान को "क्लीन चिट" देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं चिदंबरम जी को बताना चाहता हूँ कि हमारे पास सबूत हैं कि इस हमले में शामिल लोग पाकिस्तान से थे। हमारे पास उनके वोटर आईडी नंबर हैं, और इस्तेमाल की गई राइफलें और कारतूस पाकिस्तान में बने थे। इस देश के पूर्व गृह मंत्री पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने मोहम्मद यूसुफ अजहर, मोहम्मद जमील समेत इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों के नाम भी सदन में गिनाए। उन्होंने कहा कि कल ये (विपक्षी सांसद) मुझसे पूछ रहे थे कि पहलगाम के दोषी कहां गए। ये 10 जो नाम पढ़े हैं, उनमें से आठ चिदंबरम एंड कंपनी के जमाने में आतंकी घटनाएं घटाते थे।


ऑपरेशन महादेव की जानकारी

ऑपरेशन महादेव पर दी जानकारी

शाह ने कहा कि सेना और आईबी के सुरक्षाकर्मी उनके सिग्नलों को रोकने के लिए इलाके में लगातार घूमते रहे। इससे पहले, यह बताया गया था कि ऑपरेशन महादेव 15 दिनों में एकत्रित खुफिया सूचनाओं के आधार पर शुरू किया गया था, जिसकी शुरुआत 11 जुलाई को बैसरन इलाके में एक चीनी सैटेलाइट फोन का पता चलने के साथ हुई थी। 22 जुलाई को आखिरकार इलाके में उनकी मौजूदगी की पुष्टि हो गई। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर उन्हें घेरने के लिए एक समन्वित अभियान चलाया। शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवादियों को पनाह देने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। शाह ने कहा कि जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो गिरफ्तार किए गए लोगों से उनकी पहचान करवाई गई और उन्होंने तीनों की पहचान की पुष्टि की। गृह मंत्री ने कहा कि हमले वाली जगह से कारतूस के खोखे बरामद किए गए हैं और उनकी एफएसएल जाँच पहले ही कर ली गई थी। आतंकवादियों के पास एके-47 और एम9 कार्बाइन थीं।


ऑपरेशन 'सिंदूर' पर अमित शाह का जवाब

7 मई के ऑपरेशन 'सिंदूर' पर अमित शाह ने दिया जवाब

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। पहलगाम हमले के तुरंत बाद, मैंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी। मैंने अपने सामने एक महिला को खड़ा देखा, जो अपनी शादी के 6 दिन बाद ही विधवा हो गई थी - मैं उस दृश्य को कभी नहीं भूल सकता। मैं आज सभी परिवारों को बताना चाहता हूं कि मोदी जी ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उन लोगों को भेजने वालों को मारा, और आज हमारे सुरक्षा बलों ने उन लोगों को भी मारा जिन्होंने हत्याएं की थी। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चला और नौ आतंकी ठिकाने पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए। इससे संयमित हमला नहीं हो सकता। हमने नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए, लेकिन एक भी सिविलियन नहीं मरा. केवल आतंकी मारे गए।


सीसीएस की मीटिंग में लिए गए फैसले

सीसीएस की मीटिंग में क्या फैसले लिए गए

अमित शाह ने कहा कि 30 अप्रैल को सीसीएस की बैठक हुई थी, जिसमें सुरक्षाबलों को पूरी तरह से ऑपरेशनल आज़ादी दी गई थी। ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया गया और 1:04 बजे से 1:24 बजे के बीच चलाया गया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस हमले में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा गया। मुझे अपेक्षा थी कि जब वे पहलगाम आतंकवादियों के मारे जाने की खबर सुनेंगे तो खुश होंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे इससे खुश नहीं हैं। कल गौरव गोगोई ने कहा कि मोदी जी 24 अप्रैल को पहलगाम की बजाय बिहार गए थे। पहलगाम हमले के समय मोदी जी विदेश में थे। जिस दिन मोदी जी बिहार गए, उस दिन पहलगाम में सिर्फ़ राहुल गांधी थे और कोई नहीं...अगर देश के नागरिकों पर ऐसा हमला होता है तो प्रधानमंत्री का कर्तव्य है कि वे इसका करारा जवाब दें।