नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में ‘एंटी-टेररिज्म कॉन्फ्रेंस–2025’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि लालकिले के निकट हुए विस्फोट में 40 किलोग्राम विस्फोटक का उपयोग किया गया था। पहलगाम और दिल्ली में हुए विस्फोट सामान्य पुलिसिंग के उदाहरण नहीं हैं, बल्कि इनकी जांच में गहराई से काम किया गया है। आतंकवादियों का उद्देश्य बैसरन घाटी में आतंकी हमले के माध्यम से देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करना था।
गृह मंत्री ने देशभर में एक समान एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने में ATS की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (DGP) को इसे शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
आतंकवाद का स्वरूप बदल चुका है: शाह
अमित शाह ने कहा कि वर्तमान समय में आतंकवाद का स्वरूप बदल गया है, जिसमें साइबर और सूचना युद्ध, आर्थिक नेटवर्क का दुरुपयोग और हाइब्रिड आतंकवाद शामिल हैं। ऐसे खतरों से निपटने के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय ग्रिड का विकास आवश्यक है, जो सतर्क और त्वरित कार्रवाई कर सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की राष्ट्रीय व्यवस्था को ऐसे सम्मेलनों के माध्यम से ही मजबूत किया जा सकता है।
‘नीड टू नो’ की जगह ‘ड्यूटी टू शेयर’ की अपील
गृह मंत्री ने कहा कि भविष्य में देश की सुरक्षा के लिए बहु-स्तरीय सुरक्षा मॉडल का निर्माण और आतंकवाद के खिलाफ कठोर दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। उन्होंने “नीड टू नो” की जगह “ड्यूटी टू शेयर” के सिद्धांत पर कार्य करने की अपील की।
