अमित शाह के विवादास्पद भाषण पर मऊ अदालत ने पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की

मऊ के जिला एवं सत्र न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 2022 में दिए गए विवादास्पद भाषण से संबंधित पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया है। यह मामला नवल किशोर शर्मा द्वारा दायर की गई शिकायत से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अमित शाह के बयान को लेकर कानूनी कार्रवाई की थी। अदालत ने मामले को अधीनस्थ न्यायालय को भेज दिया है, जहां गवाहों की गवाही की तारीखें तय की जाएंगी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्णय के पीछे की कहानी।
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अमित शाह के विवादास्पद भाषण पर मऊ अदालत ने पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की

मऊ अदालत का महत्वपूर्ण निर्णय

मऊ के जिला एवं सत्र न्यायालय (एमपी-एमएलए अदालत) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए एक विवादास्पद भाषण से संबंधित पुनरीक्षण याचिका को बुधवार को स्वीकार कर लिया। अदालत ने इस मामले को संबंधित पत्रावली के साथ अधीनस्थ न्यायालय को भेज दिया है।


यह मामला स्थानीय निवासी नवल किशोर शर्मा द्वारा दायर की गई शिकायत से संबंधित है, जो भगवान हनुमान के भक्त हैं। शर्मा के वकील गनी अहमद नोमानी ने बताया कि अमित शाह ने 2022 में बदायूं में एक चुनावी रैली के दौरान भगवान हनुमान को बाहुबली कहकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने माफिया नेताओं शहाबुद्दीन और मुख्तार अंसारी की तुलना की थी।


नोमानी ने कहा कि हनुमान भक्त शर्मा ने इस बयान को देखकर आहत होकर अमित शाह को कानूनी नोटिस भेजा था, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने एमपी-एमएलए अधीनस्थ न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई।


वकील ने बताया कि जिस दिन शिकायत दायर की गई, उसी दिन अधीनस्थ न्यायालय ने नवल किशोर शर्मा या उनके वकील को सुने बिना ही अधिकार क्षेत्र के अभाव का हवाला देते हुए याचिका खारिज कर दी थी।


इस निर्णय के बाद, शर्मा ने मंगलवार को सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की। नोमानी ने बताया कि एमपी-एमएलए अदालत ने बुधवार को आदेश दिया कि मऊ जिले में मामले की सुनवाई का अधिकार क्षेत्र है।


जिला और सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार वत्स की अदालत ने नवल किशोर शर्मा की पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया है और मामले की फाइल अब साक्ष्य दर्ज करने के लिए अधीनस्थ न्यायालय को भेज दी गई है। नोमानी ने कहा कि अधीनस्थ न्यायालय स्वतंत्र रूप से गवाहों की गवाही की तारीखें तय करेगा और कार्यवाही को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है।