अमित शाह की गृह मंत्री के रूप में उपलब्धियों पर मोदी का संकेत: क्या बनेंगे अगले प्रधानमंत्री?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को उनके लंबे गृह मंत्री कार्यकाल पर बधाई दी, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मोदी के बयान ने यह संकेत दिया है कि शाह अगले प्रधानमंत्री के रूप में उभर सकते हैं। अमित शाह का कार्यकाल 2,258 दिन पूरा हुआ है, जो पूर्व गृह मंत्री आडवाणी के रिकॉर्ड को तोड़ता है। आरएसएस में नए बदलावों के बीच, शाह की उम्र और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाते हैं। क्या बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना है? जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में।
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अमित शाह की गृह मंत्री के रूप में उपलब्धियों पर मोदी का संकेत: क्या बनेंगे अगले प्रधानमंत्री?

मोदी का अमित शाह को बधाई संदेश


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमित शाह को गृह मंत्री के रूप में उनके लंबे कार्यकाल पर बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल शुरुआत है। मोदी के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जिससे यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या उन्होंने अपने उत्तराधिकारी का चयन कर लिया है।


अमित शाह का ऐतिहासिक कार्यकाल

अमित शाह ने 30 मई 2019 से गृह मंत्री का पद संभाला है और हाल ही में उनका कार्यकाल 2,258 दिन पूरा हुआ, जिससे उन्होंने पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की छठी वर्षगांठ के आसपास आई है, जिसमें अमित शाह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


भविष्य की संभावनाएं

एनडीए की संसदीय बैठक में, मोदी ने अमित शाह की सराहना करते हुए कहा, "यह तो बस शुरुआत है, हमें अभी बहुत आगे जाना है।" यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि अमित शाह का राजनीतिक सफर अभी खत्म नहीं हुआ है और वे पार्टी के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।


इस समय, आरएसएस संगठन में नए बदलावों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि नेताओं को एक निश्चित उम्र के बाद नई पीढ़ी के लिए रास्ता देना चाहिए। भाजपा में 75 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु लागू है, जिससे कई वरिष्ठ नेता धीरे-धीरे पीछे हट रहे हैं।


राजनीतिक बदलाव की अटकलें

एक बीजेपी सांसद के अनुसार, मोदी ने संकेत दिया है कि अमित शाह उत्तराधिकारी के रूप में योग्य हैं, क्योंकि उनकी उम्र अभी केवल 60 वर्ष है। पीएम मोदी का यह बयान कुछ नेताओं द्वारा एक सामूहिक संदेश के रूप में देखा गया है, जो पार्टी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।


संसद के मानसून सत्र में, पीएम मोदी ने विपक्ष के सवालों का जवाब लोकसभा में दिया, जबकि राज्यसभा में अमित शाह की जिम्मेदारी देखी गई, जो मोदी के उत्तराधिकारी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।


इस घटनाक्रम के साथ, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई संभावित दावेदार प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर माने जा रहे हैं। झारखंड के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं।


इस प्रकार, बीजेपी के अंदर राजनीतिक नेतृत्व में बड़े बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं और अमित शाह को लगभग अगले प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में देखा जाने लगा है। आगामी महीनों में इस मुद्दे पर और भी हलचल की संभावना है।