अमित शाह का विपक्ष पर हमला: घुसपैठ और शरणार्थियों के मुद्दे पर स्पष्टता

गृह मंत्री का बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सहित कई मुद्दों पर चर्चा की और विपक्ष पर इशारों में हमला किया। उन्होंने घुसपैठ के मामले पर भी महत्वपूर्ण बातें कहीं। गृह मंत्री ने कहा कि घुसपैठ को राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए और इसे रोकना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो देश एक धर्मशाला में बदल जाएगा, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि 1951 से अब तक हिंदू और मुस्लिम जनसंख्या में जो असंतुलन आया है, वह फर्टिलिटी रेट के कारण नहीं, बल्कि घुसपैठ के कारण है। 1951 से 2011 के बीच मुस्लिम जनसंख्या में लगभग 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि हिंदू जनसंख्या में हर जनगणना में लगभग 4 प्रतिशत की कमी आई है।
शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच अंतर
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि शरणार्थियों और घुसपैठियों में बड़ा अंतर है। जो लोग अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आए हैं, उन्हें शरणार्थी कहा जाता है और उनका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो हिंदू पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का शिकार हैं, उन्हें भारत में स्वीकार किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि देश में रह रहे मुसलमानों के अधिकारों और नागरिकता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर टिप्पणी
अमित शाह ने कहा कि घुसपैठ को राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए और घुसपैठियों को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। एसआईआर चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
एसआईआर की प्रक्रिया का विस्तार
हाल ही में, चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया पूरी की है और अब पूरे देश में इसे लागू करने की योजना बना रहा है। आयोग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया है।