अमित शाह का भाषाई गर्व पर जोर, नशे के खिलाफ लड़ाई में युवाओं को समर्थन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में राजभाषा विभाग के समारोह में भाषाई गर्व पर जोर दिया और नशे के खिलाफ लड़ाई में युवाओं को समर्थन देने की बात की। उन्होंने कहा कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है। शाह ने नशे की समस्या को गंभीर बताते हुए मोदी सरकार की नीतियों का उल्लेख किया, जो नार्को-कार्टेल के खिलाफ कठोर कदम उठा रही हैं। जानें उनके विचार और योजनाएं इस लेख में।
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अमित शाह का भाषाई गर्व पर जोर, नशे के खिलाफ लड़ाई में युवाओं को समर्थन

राजभाषा विभाग के समारोह में अमित शाह का भाषण

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, विशेषकर विदेशी भाषाओं का, लेकिन हमें अपनी भाषा का सम्मान करने और उसे बोलने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। जब तक व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेगा और अपनी बात उसी में नहीं कहेगा, तब तक हम इस मानसिकता से मुक्त नहीं हो सकते।


भाषा और राष्ट्र की आत्मा

अमित शाह ने आगे कहा कि देश के संदर्भ में, भाषा केवल संवाद का साधन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा है। भाषाओं को जीवित रखना और उन्हें समृद्ध बनाना आवश्यक है। हमें सभी भारतीय भाषाओं, विशेषकर राजभाषा के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की दुश्मन नहीं हो सकती, बल्कि यह सभी भाषाओं की मित्र है। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं मिलकर हमारे स्वाभिमान कार्यक्रम को उसके लक्ष्य तक पहुंचा सकती हैं। 


नशे के खिलाफ लड़ाई में अमित शाह का संदेश

इससे पहले, अमित शाह ने कहा कि नशा युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या है। मोदी सरकार नार्को-कार्टेल के खिलाफ कठोर कदम उठा रही है और नशे की लत में फंसे युवाओं को सामान्य जीवन में लौटाने के लिए सहानुभूति के साथ काम कर रही है। उन्होंने 'अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस' पर 'नशा मुक्त भारत' की लड़ाई में सहयोगियों को शुभकामनाएं दीं। शाह ने 'एक्स' पर लिखा, "नशीली दवाएं हमारे युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या हैं। मोदी सरकार इस खतरे से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपना रही है।"