अमित शाह का बयान: पीओके को वापस लाने का संकल्प

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने पीओके को पाकिस्तान को सौंप दिया। शाह ने कहा कि आतंकवाद समाप्त होने के करीब है और भाजपा सरकार इसे पुनः प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। जानें उनके बयान के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु।
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अमित शाह का बयान: पीओके को वापस लाने का संकल्प

राज्यसभा में आतंकवाद पर चर्चा

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में भारत के प्रभावी और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को पाकिस्तान को सौंप दिया, लेकिन भाजपा सरकार उसे पुनः प्राप्त करेगी। पहलगाम हमले के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा कि ऐसे जघन्य अपराध पहले कभी नहीं हुए, जहां लोगों को महिलाओं और बच्चों के सामने मारने से पहले उनका धर्म पूछा गया। उन्होंने कहा कि पहले हम केवल डोजियर भेजते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को एयरस्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से जवाब दिया, जिससे खौफ पैदा हुआ।


कांग्रेस पर निशाना

अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि यह घटना उनके शासन में होती, तो विदेश मंत्रालय बयान जारी करता। उन्होंने कहा कि हम ब्रह्मोस मिसाइल भेजते हैं, न कि डोजियर। शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने देश पर सबसे लंबे समय तक शासन किया, लेकिन सुरक्षा खतरों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा, "हमें आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।" शाह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर कोई घोषित युद्ध नहीं था, बल्कि आत्मरक्षा का अधिकार था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने युद्धविराम की भीख मांगी, जिसे हमने ठुकरा दिया। यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप थी।


जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद का मुद्दा

अमित शाह ने संसद में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को कांग्रेस ने समर्थन दिया, जिससे घाटी में अलगाववादी सोच का जन्म हुआ। यह अलगाववाद बाद में स्वतंत्र राज्य की मांग में बदल गया, जो कश्मीर में आतंकवाद का आधार बना। शाह ने कहा, "कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण इन आतंकवादी संगठनों को सक्रिय होने दिया गया।"


आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई

शाह ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने वाले तंत्र को व्यवस्थित रूप से समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा, "जमात-ए-इस्लामी जैसे समूहों ने गहरी जड़ें जमा ली थीं, जो अलगाववाद और कट्टरपंथ को वैधता प्रदान करती थीं। अब वह तंत्र अस्तित्व में नहीं है।" जमात-ए-इस्लामी (JeI) पर 2019 में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगाया गया था और इसे घाटी में चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।


आतंकवाद की स्थिति

अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन यह समाप्त होने के करीब है। उन्होंने कहा, "क्या आतंकवाद खत्म हो गया है? कांग्रेस ने इसकी जड़ें इतनी गहरी कर दी हैं कि इसे खत्म होने में समय लगेगा। लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि यह खत्म होने के कगार पर है।" उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी दी कि आपने कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया, लेकिन हम पीओके को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।