अमित शाह का नक्सलवाद समाप्त करने का वादा, 2026 तक भारत होगा मुक्त
गृहमंत्री अमित शाह का राज्यसभा में संबोधन

गृह मंत्री अमित शाह ने 21 मार्च को राज्यसभा में अपने विचार साझा किए। उन्होंने गृह मंत्रालय की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में ऐसे कार्य हुए हैं जो स्वतंत्रता के बाद से नहीं हुए थे। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया। शाह ने याद दिलाया कि एक समय था जब उन्हें लाल चौक पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं मिली थी, लेकिन अब बीजेपी सरकार के तहत हर साल तिरंगा फहराया जाता है। उन्होंने कश्मीर से धारा 370 हटाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह निर्णय देश की सुरक्षा और एकता के लिए लिया गया था, न कि वोट बैंक के लिए। मोदी सरकार ने कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने का कार्य किया है।
राज्यसभा में अपने भाषण में, अमित शाह ने कहा, '21 सदस्यों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। यह गृह मंत्रालय के कार्यों का सारांश प्रस्तुत करने का प्रयास था। सबसे पहले, मैं आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों का आभार व्यक्त करता हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार भ्रष्टाचार को रोकने में असफल रही, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है।
नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प
गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक समस्या नहीं है और इसे समाप्त करना आवश्यक है। सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य कर रही है ताकि लोग मुख्यधारा में शामिल हो सकें। शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर की समस्याएं भी समाप्त होने की ओर हैं, और देश में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।
इस वर्ष कितने नक्सली मारे गए?
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक 90 नक्सली मारे गए हैं, 104 को गिरफ्तार किया गया है और 164 ने आत्मसमर्पण किया है। 2024 में 290 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज किया गया था, 1090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया था। 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की 16,463 घटनाएं हुईं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2024 के बीच यह संख्या 53 प्रतिशत घटकर 7,744 रह गई। इसी तरह, सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 1851 से 73 प्रतिशत घटकर 509 रह गई और नागरिकों की मृत्यु 70 प्रतिशत की कमी के साथ 4766 से 1495 रह गई।
आतंकवाद पर अमित शाह का दृष्टिकोण
आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में, अमित शाह ने कहा, 'मोदी सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है। पहले आतंकी हमलों के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती थी। उरी और पुलवामा में हमलों के बाद हमने 10 दिन के भीतर पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की।' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2019-24 के दौरान 40,000 सरकारी नौकरियां दी गईं, 1.51 लाख स्वरोजगार सृजित हुए, और कौशल क्लब भी स्थापित किए गए। मोदी सरकार के कार्यकाल में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई है।
गृह मंत्रालय में बदलाव पर अमित शाह का विचार
अमित शाह ने कहा, 'गृह मंत्रालय कठिन परिस्थितियों में काम करता है। संविधान ने कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों को दी है। सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह सही निर्णय है। लेकिन अब कई अपराध अंतरराज्यीय और बहुराज्यीय हो गए हैं, जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, और संगठित अपराध। इसलिए गृह मंत्रालय में बदलाव आवश्यक है। मैं गर्व से कहता हूं कि पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय में लंबे समय से लंबित बदलाव किए हैं।'