अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने दिए निर्देश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी। शाह का यह दौरा 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद का पहला है, जिसमें वे पुंछ का भी दौरा करेंगे।
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अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने दिए निर्देश

अमरनाथ यात्रा की तैयारी पर गृह मंत्री की बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और निर्बाध रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी।


शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया।


उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारी की समीक्षा के लिए बैठक की अध्यक्षता की और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था और तैयारियों का आकलन किया। हमें अत्यधिक सतर्क रहना है और पवित्र यात्रा को निर्बाध रूप से संपन्न करना है।'


गृह मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। वार्षिक अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से शुरू होकर नौ अगस्त को समाप्त होगी।


अधिकारियों के अनुसार, शाह कड़ी सुरक्षा के बीच बृहस्पतिवार शाम को जम्मू-कश्मीर पहुंचे। यह उनका केंद्र शासित प्रदेश का 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहला दौरा है।


शुक्रवार को, गृह मंत्री पुंछ का दौरा करेंगे और वहां पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित लोगों से मिलेंगे।


अधिकारियों ने बताया कि शाह पुंछ जिले में धार्मिक स्थलों का दौरा भी करेंगे और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों से बातचीत करेंगे। हाल ही में पुंछ में सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी और ड्रोन हमलों में 28 लोगों की जान गई थी, जिनमें से 14 आम नागरिक थे।


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 581 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया है। इनमें से 424 कंपनियां केंद्र शासित प्रदेश में भेजी जा रही हैं, जबकि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान जम्मू-कश्मीर पहुंची लगभग 80 कंपनियों को तीर्थयात्रा मार्ग और अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा।