अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ: तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा 2023 का पहला जत्था बृहस्पतिवार को बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से रवाना हुआ। इस यात्रा के दौरान तीर्थयात्री अमरनाथ गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे, जहां बर्फ से बना शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट होता है। यात्रा के सफल संचालन के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। यात्रा का समापन 9 अगस्त को होगा।
 | 
अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ: तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा की शुरुआत

बृहस्पतिवार को तीर्थयात्रियों के पहले समूह ने बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से गुफा मंदिर की ओर प्रस्थान किया, जिससे वार्षिक अमरनाथ यात्रा का आगाज हुआ। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की।


यात्रा मार्ग और विवरण

अमरनाथ गुफा मंदिर, जो दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तड़के शुरू हुई। यह यात्रा दो मार्गों से होती है: पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले का छोटा लेकिन कठिन 14 किलोमीटर का बालटाल मार्ग।


तीर्थयात्रियों का स्वागत

जैसे ही दिन की रोशनी हुई, पुरुष, महिलाएं और साधु-संतों के जत्थे नुनवान और बालटाल आधार शिविरों से निकल पड़े। अधिकारियों ने जत्थों को हरी झंडी दिखाते ही 'बम बम भोले' के जयकारे गूंजने लगे।


उपराज्यपाल का समर्थन

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को जम्मू के भगवती नगर में यात्रा आधार शिविर से 5,892 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। तीर्थयात्री दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।


अमरनाथ मंदिर में पूजा

तीर्थयात्री अमरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे, जहां बर्फ से बना शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट होता है। यात्रा के सफल संचालन के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।


सुरक्षा प्रबंध

सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात किया गया है। यह तीर्थयात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी।