अमरनाथ यात्रा 2023: सुरक्षा तैयारियों में वृद्धि, 42,000 कर्मियों की तैनाती

अमरनाथ मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है, जो 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए 42,000 कर्मियों की तैनाती की है। सीआरपीएफ के महानिदेशक ने जम्मू में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की है। यात्रा दो मार्गों से की जा सकती है, जिसमें पारंपरिक 48 किलोमीटर का मार्ग और 14 किलोमीटर का बालटाल मार्ग शामिल है।
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अमरनाथ यात्रा 2023: सुरक्षा तैयारियों में वृद्धि, 42,000 कर्मियों की तैनाती

अमरनाथ यात्रा की शुरुआत

कश्मीर में अमरनाथ मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 3 जुलाई से आरंभ होने जा रही है। यह यात्रा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस यात्रा को लेकर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का निर्णय लिया है, जिसे 'ऑपरेशन शिवा' के तहत लागू किया जा रहा है।


सुरक्षा व्यवस्था

केंद्र सरकार ने इस यात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 580 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया है, जिसमें लगभग 42,000 जमीनी कर्मी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, 424 कंपनियों को केंद्र शासित प्रदेश में भेजा जाएगा, जबकि अन्य कंपनियों को यात्रा मार्ग और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा।


सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने जम्मू में एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार, यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी।


सीआरपीएफ ने कहा कि श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित और निर्बाध बनाने के लिए सभी व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया गया है। महानिदेशक ने कश्मीर घाटी का दौरा किया और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए तैयारियों की समीक्षा की।


यात्रा के मार्ग

अमरनाथ गुफा की यात्रा दो मार्गों से की जा सकती है: एक पारंपरिक 48 किलोमीटर का मार्ग जो पहलगाम से होकर जाता है, और दूसरा 14 किलोमीटर का बालटाल मार्ग जो अधिक खड़ी चढ़ाई वाला है।


सीआरपीएफ की रणनीतिक समीक्षा