अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग की आलोचना की, लोकसभा भंग करने की मांग की

तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि यदि मतदाता सूची में त्रुटियाँ हैं, तो पूरी लोकसभा और केंद्र सरकार को भंग कर देना चाहिए। उन्होंने गुजरात और पश्चिम बंगाल में एक ही मतदाता पहचान पत्र संख्या वाले मतदाताओं के उदाहरण दिए और चुनाव आयोग पर सवाल उठाया कि वह इन विसंगतियों पर जवाब क्यों नहीं दे रहा है। बनर्जी ने यह भी कहा कि यदि एसआईआर करना है, तो यह पूरे देश में होना चाहिए। जानें उनके तर्क और विरोध प्रदर्शन के बारे में।
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अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग की आलोचना की, लोकसभा भंग करने की मांग की

टीएमसी नेता का चुनाव आयोग पर हमला

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यदि मतदाता सूची में कोई गलती है, तो पूरी लोकसभा और केंद्र सरकार को भंग कर देना चाहिए, क्योंकि इसी सूची का उपयोग प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव में किया गया था। बनर्जी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह मतदाता सूची में विसंगतियों के सवालों से बच रहा है और गुजरात तथा पश्चिम बंगाल में एक ही मतदाता पहचान पत्र संख्या वाले मतदाताओं के उदाहरण पेश किए। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग भयभीत है।


विपक्षी सांसदों के साथ व्यवहार पर सवाल

पत्रकारों से बातचीत करते हुए, अभिषेक बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सांसदों, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं, के साथ दिल्ली पुलिस का व्यवहार स्पष्ट करता है कि चुनाव आयोग डर गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि चुनाव आयोग के पास जवाब हैं, तो कैसे गुजरात और बंगाल में एक ही मतदाता पहचान पत्र संख्या वाले मतदाता मौजूद हैं? अलग-अलग मतदान केंद्रों पर एक ही नाम वाले मतदाता कैसे हो सकते हैं?


मतदाता सूची की अनियमितताओं पर गंभीर आरोप

बनर्जी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता सूची में त्रुटियाँ हैं। यदि हम मान लें कि यह सच है, तो इसी सूची के आधार पर एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री और भाजपा के 240 सांसद चुने गए थे। यदि मतदाता सूची में कोई अनियमितता है, तो पूरी लोकसभा को भंग कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) करना है, तो पहले कदम के रूप में लोकसभा को भंग करना आवश्यक है।


केंद्र सरकार की भंग करने की मांग

टीएमसी नेता ने स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार को भंग कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप इसी मतदाता सूची के आधार पर चुने गए थे, लेकिन बंगाल में इसे गलत बताया जा रहा है, जबकि गुजरात में यह सही है। यदि एसआईआर होना है, तो यह पूरे देश में होना चाहिए। इससे पहले, मानसून सत्र के सत्रहवें दिन, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विशेष गहन पुनरीक्षण मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन किया। कई विपक्षी सांसद '124 नॉट आउट' नारे लिखी सफेद टी-शर्ट पहनकर पहुंचे।