अफगानिस्तान के गांव में एक किडनी वाले लोग: जीवन की कठिनाइयाँ

अफगानिस्तान के शेनशायबा बाजार गांव में अधिकांश लोग केवल एक किडनी के साथ जीवन यापन कर रहे हैं। यह स्थिति आर्थिक मजबूरी के कारण उत्पन्न हुई है, जहां लोग अपनी एक किडनी बेचकर भोजन का इंतजाम करते हैं। तालिबान शासन के बाद उनकी स्थिति और भी खराब हो गई है। जानें इस अनोखे गांव की कहानी और वहां के लोगों की कठिनाइयों के बारे में।
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अफगानिस्तान के गांव में एक किडनी वाले लोग: जीवन की कठिनाइयाँ

एक अनोखा गांव

अफगानिस्तान के गांव में एक किडनी वाले लोग: जीवन की कठिनाइयाँ


मनुष्य के शरीर में सामान्यतः दो किडनियां होती हैं, लेकिन अफगानिस्तान के एक गांव में अधिकांश लोग केवल एक किडनी के साथ जीवन यापन कर रहे हैं। यह स्थिति सुनने में अजीब लग सकती है, लेकिन यह सच है। यहां के पुरुष और महिलाएं एक ही किडनी पर निर्भर हैं।


शेनशायबा बाजार का गांव

यह गांव, जिसका नाम शेनशायबा बाजार है, हेरात शहर के निकट स्थित है। यहां के निवासियों की एक किडनी होने की कहानी हर घर में समान है।


जब आप इस गांव में जाएंगे, तो लोग सामान्य दिख सकते हैं, लेकिन उनके शरीर में केवल एक किडनी है। यह स्थिति केवल कुछ लोगों की नहीं, बल्कि पूरे गांव की है।


किडनी की कमी का कारण

अफगानिस्तान के गांव में एक किडनी वाले लोग: जीवन की कठिनाइयाँ


शेनशायबा बाजार के निवासियों की एक किडनी होने का कारण चौंकाने वाला है। यह कोई आनुवंशिक विकृति नहीं है, बल्कि यह आर्थिक मजबूरी से जुड़ा है।


यहां के लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं और खाने के लिए पैसे नहीं होने के कारण वे अपनी एक किडनी बेचने को मजबूर हैं। किडनी बेचकर जो पैसे मिलते हैं, उससे वे अपने लिए भोजन का इंतजाम करते हैं।


तालिबान शासन का प्रभाव

तालिबान के शासन के बाद, इस गांव के लोगों की स्थिति और भी खराब हो गई है। उनके पास अपने परिवार को भोजन देने के लिए पैसे नहीं हैं, जिससे वे अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं।


किडनी बेचने पर उन्हें लगभग दो लाख रुपये मिलते हैं, जो उनके लिए जीवन यापन का एकमात्र साधन बन गया है। यहां के अधिकांश पुरुष और महिलाएं अपनी एक किडनी बेच चुके हैं।