अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी का सहारनपुर दौरा: विवाद और स्वागत

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी का सहारनपुर दौरा विवादों और गर्मजोशी भरे स्वागत के साथ रहा। उनकी निर्धारित स्पीच को रद्द कर दिया गया, और महिला पत्रकारों को कार्यक्रम में भाग लेने से रोका गया। जानें इस दौरे के दौरान क्या हुआ और मुत्तकी ने भारत-अफगानिस्तान संबंधों के बारे में क्या कहा।
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मुत्तकी का सहारनपुर दौरा

सहारनपुर में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी का स्वागत मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा किया गया। हालांकि, यूपी के देवबंद में उनकी निर्धारित स्पीच को रद्द कर दिया गया। मुत्तकी ने निर्धारित समय से ढाई घंटे पहले ही सहारनपुर छोड़ दिया, जबकि उन्हें शाम 5 बजे तक रुकना था।


दिल्ली के बाद, यहां भी महिला पत्रकारों की कार्यक्रम में भागीदारी को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। कार्यक्रम की कवरेज के लिए आई महिला पत्रकारों को अलग बैठने के लिए कहा गया। दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने उन्हें पर्दे के पीछे बैठने का निर्देश दिया।


देवबंद में मुत्तकी का स्वागत फूलों से किया गया, लेकिन छात्रों की भीड़ इतनी अधिक थी कि सुरक्षा व्यवस्था में खलल पड़ा। पुलिस को छात्रों को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके कारण अफगान मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं मिल सका।


मुत्तकी ने कहा कि वह इस गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए देवबंद के उलेमा और स्थानीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के संबंधों के उज्ज्वल भविष्य की बात की।


मुत्तकी की स्पीच दारुल उलूम में होनी थी, लेकिन रद्द होने पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि विदेश मंत्री के साथ आए अधिकारियों ने जल्दी लौटने का निर्णय लिया।


अब, वह रविवार को आगरा जाने की योजना बना रहे हैं। देवबंद में इस्लामी शिक्षा प्राप्त कर रहे 20 अफगान छात्रों से भी उनकी बातचीत हुई। देवबंद का दारुल उलूम 156 साल पुराना इस्लामिक शिक्षा का केंद्र है।


मुत्तकी ने शुक्रवार को अफगान एंबेसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कोई महिला पत्रकार उपस्थित नहीं थी। इस पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि भारत में सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे सहन किया गया। मुत्तकी 7 दिन के भारत दौरे पर 9 अक्टूबर को काबुल से दिल्ली पहुंचे थे।