अनिल अंबानी की संपत्तियों पर ED की कार्रवाई, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बयान

प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी से जुड़ी संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है, लेकिन रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा है कि इसका कंपनी के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ED की जांच में यह पाया गया है कि रिलायंस समूह ने जनता और बैंकों से लिए गए धन का गलत उपयोग किया। जानें पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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अनिल अंबानी की संपत्तियों पर ED की कार्रवाई, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बयान

अनिल अंबानी की संपत्तियों पर ED की कार्रवाई

अनिल अंबानी की संपत्तियों पर ED की कार्रवाई, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बयान

अनिल अंबानी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस समूह से संबंधित लगभग 3084 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है। यह कार्रवाई 31 अक्टूबर 2025 को PMLA कानून के तहत की गई थी। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ये संपत्तियां अनिल अंबानी की हैं। हालाँकि, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने स्पष्ट किया है कि अनिल अंबानी अब कंपनी के बोर्ड में नहीं हैं।

कंपनी ने बताया कि ED ने PMLA के तहत कुछ संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है, लेकिन इसका कंपनी के व्यवसाय, शेयरधारकों, कर्मचारियों या अन्य हितधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अनिल डी. अंबानी पिछले तीन साल से अधिक समय से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

अटैच की गई संपत्तियाँ

ED ने अनिल अंबानी के बांद्रा स्थित पाली हिल के घर और दिल्ली के रिलायंस सेंटर को अटैच किया है। इसके अलावा, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी में कई अन्य संपत्तियों को भी अटैच किया गया है। ED का दावा है कि अनिल अंबानी की रिलायंस समूह से जुड़ी संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया गया है।

जांच का विवरण

ED की जांच के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) ने जनता और बैंकों से लिए गए धन का गलत उपयोग किया। 2017 से 2019 के बीच, यस बैंक ने RHFL में लगभग 2965 करोड़ रुपये और RCFL में 2045 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो बाद में डूब गया। दोनों कंपनियों पर हजारों करोड़ रुपये का बकाया है।

सेबी के नियमों का उल्लंघन

ED का कहना है कि जांच में कई धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। यह भी पाया गया है कि सेबी के नियमों का उल्लंघन करते हुए, म्यूचुअल फंड के माध्यम से जनता का पैसा अप्रत्यक्ष रूप से रिलायंस समूह की कंपनियों को पहुंचाया गया। यस बैंक के जरिए धन का प्रवाह इन कंपनियों में किया गया है। फिलहाल, ED की जांच जारी है।